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Delhi New CM: दिल्ली सीएम की रेस में पिछड़े BJP के प्रवेश वर्मा? समझें पूरा गणित

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 20 Feb, 2025 01:22 PM

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दिल्ली की मुख्यमंत्री की रेस में अब शालीमार बाग से बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता का नाम सबसे ऊपर है। दिल्ली बीजेपी ने विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई, जिससे भाजपा के नए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उनका चयन हुआ। वहीं, नई...

नेशनल डेस्क: दिल्ली की मुख्यमंत्री की रेस में अब शालीमार बाग से बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता का नाम सबसे ऊपर है। दिल्ली बीजेपी ने विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई, जिससे भाजपा के नए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उनका चयन हुआ। वहीं, नई दिल्ली सीट से विधायक प्रवेश वर्मा, जो पहले सीएम पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, वो अब डिप्टी सीएम बनाये गए हैं...

सीएम पद की दौड़ में प्रवेश वर्मा का नाम क्यों पीछे?

प्रवेश वर्मा की सीएम पद की रेस से बाहर होने के कई कारण हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है परिवारवाद का मुद्दा। बीजेपी दिल्ली में परिवारवाद का आरोप लगने से बचना चाहती है। प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री रहे थे और यह संभावना थी कि पार्टी को परिवारवाद के आरोपों का सामना करना पड़ता। बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह किसी भी सामान्य कार्यकर्ता को भी प्रदेश के शीर्ष पद तक पहुंचने का अवसर दे सकती है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बीजेपी ने इसी तरह के फैसले लिए थे, जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर दौड़ी थी।

क्या रेखा गुप्ता की पृष्ठभूमि और महिला फैक्टर ने दिया फायदा?

रेखा गुप्ता का चयन भी पार्टी की तरफ से एक रणनीति का हिस्सा है। वह बनिया समुदाय से आती हैं, और इस समुदाय के लिए उनका नाम एक महत्वपूर्ण संदेश है, खासकर अरविंद केजरीवाल जैसे विरोधी नेता के संदर्भ में, जो भी इस समुदाय से आते हैं। इसके अलावा, बीजेपी महिला नेताओं को समर्थन देने के लिए भी तैयार दिखती है। रेखा गुप्ता को दिल्ली में मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि वह महिला सम्मान को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।

बीजेपी की रणनीति में यह भी देखा जा रहा है कि एक महिला मुख्यमंत्री का चुनाव पार्टी की महिला नेतृत्व के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दिल्ली में आखिरी बार सुषमा स्वराज 1993 से 1998 तक मुख्यमंत्री रही थीं, और इसके बाद बीजेपी ने महिला नेतृत्व को फिर से लेकर कदम बढ़ाया है।

क्या संदेश देना चाहती है बीजेपी?

बीजेपी का यह कदम राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। पार्टी यह दिखाना चाहती है कि वह सामाजिक समरसता, कामकाजी वर्ग और महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। इसके अलावा, बीजेपी मूल्य आधारित राजनीति और जनप्रतिनिधियों को प्राथमिकता देने का संदेश भी दे रही है। यह देखा गया है कि पार्टी ने एक महिला कार्यकर्ता को सीएम बनाने का निर्णय लिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी महिलाओं के लिए ज्यादा अवसर प्रदान करने के लिए तैयार है।

 

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