Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Feb, 2025 06:47 PM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे दो दिन पहले ही आए थे, और मुख्यमंत्री पद को लेकर अब कुछ ठोस जानकारी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में भाजपा की अगली मुख्यमंत्री महिला विधायक हो सकती हैं। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र...
नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे दो दिन पहले ही आए थे, और मुख्यमंत्री पद को लेकर अब कुछ ठोस जानकारी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में भाजपा की अगली मुख्यमंत्री महिला विधायक हो सकती हैं। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही लिया जा सकता है। इस वजह से कहा जा रहा है कि 15 फरवरी तक दिल्ली में नई सरकार का गठन संभव नहीं है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भाजपा अपने फैसलों को लेकर चौंकाने वाली राजनीति करती रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, ओडिशा जैसे राज्यों में भाजपा ने ऐसे नेताओं को मुख्यमंत्री पद पर बैठाया जिनके नाम पहले कभी चर्चा में नहीं आए थे। अब भाजपा के सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है कि दिल्ली में भी भाजपा कुछ इसी तरह का कदम उठा सकती है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही दिल्ली में नई मुख्यमंत्री का ऐलान हो सकता है।
दिल्ली में भाजपा के दो नए CM उम्मीदवार
दिल्ली में भाजपा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर दो नव-निर्वाचित विधायकों के नाम तेजी से उभर कर सामने आ रहे हैं। ये दो नाम हैं – अभय वर्मा और रेखा गुप्ता। दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, पार्टी में अब इन दोनों नामों पर चर्चा बढ़ रही है। अभय वर्मा, जो कि पूर्वांचल से हैं और दो बार विधायक रह चुके हैं, को इस चुनाव में पूर्वांचली वोटरों का बड़ा समर्थन मिला है। वहीं रेखा गुप्ता, जो पहले मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं, को महिला और बनिया दोनों फैक्टर के कारण सीएम पद का मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है।
अभय वर्मा की राजनीतिक यात्रा
अभय वर्मा ने इस बार पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर सीट से आम आदमी पार्टी के बीबी त्यागी को 11,542 वोटों से हराया। 2020 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से 'आप' के नितिन त्यागी को केवल 880 वोटों से हराया था, लेकिन इस बार उनका जीत का मार्जिन दस गुना बढ़ गया। बीजेपी के अंदर से यह जानकारी भी सामने आई है कि बिहार के मिथिलांचल से आने वाले अभय वर्मा का नाम इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि इस बार पूर्वांचली वोटरों ने भाजपा के पक्ष में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम मोदी के भी इस क्षेत्र से अच्छे रिश्ते हैं और इस वजह से भाजपा एक पूर्वांचली चेहरे को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना सकती है।
रेखा गुप्ता का राजनीतिक अनुभव
वहीं रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग सीट से 'आप' की बंदना कुमारी को 29,595 वोटों के अंतर से हराया है। रेखा गुप्ता का कहना है, "दिल्ली में अब विकास की एक नई उम्मीद है। दिल्ली के लोग पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करना चाहते हैं, क्योंकि पिछले 12 वर्षों से अरविंद केजरीवाल की सरकार विजनलेस थी।"
रेखा गुप्ता का राजनीति में लंबा अनुभव है। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ी रही हैं और उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से राजनीति में कदम रखा था। 1996-97 में वे दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) की अध्यक्ष भी चुनी गई थीं। इसके अलावा वे दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और नेशनल एग्जिक्यूटिव कमेटी की सदस्य भी रह चुकी हैं।
बीजेपी का महिला मुख्यमंत्री बनाने का खेल
दिल्ली के सीएम के तौर पर एक महिला को लेकर भाजपा एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर सकती है, क्योंकि अभी तक किसी भी राज्य में कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं है। महिला वोट बैंक अब पूरे देश में अहम बन चुका है, और दिल्ली में भी महिलाएं एक महत्वपूर्ण वोट बैंक बनकर उभर रही हैं। यह भी माना जा रहा है कि दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाए जाने से भाजपा देशभर में एक सकारात्मक संदेश दे सकती है और अपने महिला वोटरों को प्रभावित कर सकती है।
दिल्ली में क्या होगा बीजेपी का अगला कदम?
अगर भाजपा दिल्ली में एक महिला मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता को चुनती है, तो यह कदम पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीति होगी। रेखा गुप्ता का मजबूत प्रशासनिक अनुभव और महिला उम्मीदवार के तौर पर उनका प्रतिनिधित्व दिल्ली की राजनीति में एक नए मोड़ की शुरुआत कर सकता है। दूसरी ओर, अगर अभय वर्मा को चुना जाता है, तो भाजपा पूर्वांचल से एक मजबूत नेता को सामने लाकर दिल्ली और बिहार के वोटरों को जोड़ने की कोशिश कर सकती है।
इन दोनों नामों पर चर्चा से यह साफ हो रहा है कि भाजपा दिल्ली में मुख्यमंत्री के तौर पर एक ऐसा चेहरा लाने जा रही है, जो पार्टी की रणनीति को पूरी तरह से मजबूत कर सके।