Edited By Radhika,Updated: 23 Nov, 2024 04:50 PM
दिल्ली के अधिकारियों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया है कि राष्ट्रीय राजधानी के पहाड़गंज इलाके में होटल और गेस्टहाउस में अवैध बोरवेल को सील करने का अभियान जारी रहेगा। एनजीटी ने Delhi Pollution Control Committee, Delhi Jal Board और मध्य दिल्ली...
नेशनल डेस्क: दिल्ली के अधिकारियों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया है कि राष्ट्रीय राजधानी के पहाड़गंज इलाके में होटल और गेस्टहाउस में अवैध बोरवेल को सील करने का अभियान जारी रहेगा। एनजीटी ने Delhi Pollution Control Committee, Delhi Jal Board और मध्य दिल्ली के जिलाधिकारी सहित विभिन्न प्राधिकारियों से क्षेत्र में 536 होटल या गेस्टहाउस द्वारा भूजल के अवैध दोहन पर रिपोर्ट तलब की थी।
ट्रिब्यूनल ने पिछले महीने मामले की सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों के इस रुख पर संज्ञान लिया था कि होटल और guesthouse voluntary disclosure scheme के तहत अपने बोरवेल के बारे में सूचना देने के बाद ही काम कर रहे थे। एनजीटी ने टिप्पणी की थी, ‘‘प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि किसी प्रकार का घोटाला चल रहा है। अधिकारियों के पास कोई वीडीएस उपलब्ध नहीं है, कोई भी अधिकारी यह नहीं जानता कि वीडीएस किसने तैयार किया था और किसी के पास वीडीएस की प्रति भी नहीं है। फिर भी, अधिकारी वीडीएस के आधार पर रियायतें दे रहे हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के मुख्य सचिव इस मुद्दे की जांच करेंगे।'' अधिकरण ने उन होटल के बोरवेल को सील करने के संबंध में रिपोर्ट तलब की, जिन्होंने पर्यावरण क्षति शुल्क का भुगतान नहीं किया है या अपेक्षित अनुमति के लिए आवेदन करने में विफल रहे हैं।
करोल बाग के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजेबी ने छह नवंबर को 30 होटल और गेस्टहाउस के बारे में एक पत्र भेजा था, जो अधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे। डीपीसीसी ने 21 होटल या गेस्टहाउस का विवरण साझा किया, जिन्होंने आंशिक रूप से शुल्क का भुगतान किया है। अधिकारियों द्वारा पेश 12 नवंबर की स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अवैध बोरवेल को सील करने के लिए राजस्व विभाग, दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी, डीजेबी और बीएसईएस की एक टीम गठित की गई है।''