Edited By Mahima,Updated: 08 Feb, 2025 02:58 PM
![delhi pm modi completed what was incomplete for 27 years](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_14_58_503145133delhi-ll.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद ऐतिहासिक वापसी की है। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद, बीजेपी ने अब दिल्ली में शानदार जीत हासिल की है। इस जीत का श्रेय पूरी तरह से पीएम मोदी को जाता है,...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिससे पूरे देश में भाजपा की लहर चली। बीजेपी का विजय रथ हर राज्य में दौड़ा, लेकिन दिल्ली में पार्टी को लगातार दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। 2015 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की, जिसमें पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर कब्जा किया। यह बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका था क्योंकि दिल्ली में पिछली बार बीजेपी की सरकार 1993 से 1998 तक थी और एक साल पहले, यानी 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की थी।
2015 के चुनाव में केजरीवाल ने अपने लोकप्रियता के चलते भाजपा को हरा दिया था, और इस जीत के साथ ही उनके नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का कद और भी बढ़ गया था। केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ बनाई और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पार्टी को फैलाने की कोशिशें शुरू की। दूसरी ओर, भाजपा ने भी हर राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया, लेकिन दिल्ली में लगातार संघर्ष का सामना करना पड़ा।
इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की और 303 सीटों पर जीत दर्ज की। पीएम मोदी की लोकप्रियता ने पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता दिलवाने में मदद की, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन फिर भी संतोषजनक नहीं रहा। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने दिल्ली में अपना दबदबा बनाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे बीजेपी को एक और बुरी हार का सामना करना पड़ा।
आम आदमी पार्टी की लगातार दो विधानसभा चुनावों में जीत ने दिल्ली में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी थीं। इसके बाद, केजरीवाल ने पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, और गुजरात जैसे राज्यों में भी अपनी पार्टी को स्थापित करने का प्रयास किया। 2022 के बाद, पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई, और इससे केजरीवाल की राष्ट्रीय राजनीति में और मजबूती आई। अब पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के लिए दिल्ली की राजनीति पर काबू पाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया था, लेकिन पार्टी ने हार मानने का नाम नहीं लिया।
बीजेपी ने अपनी रणनीतियों को मजबूत किया और दिल्ली के चुनाव में एक नई उम्मीद के साथ उतरी। अब, 2025 के चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली में एक ऐतिहासिक वापसी की है, जो कि लगभग 27 साल बाद संभव हो पाई है। इस जीत का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, क्योंकि उनकी नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता ने पार्टी को दिल्ली की सत्ता में फिर से ला खड़ा किया है। बीजेपी की यह जीत साबित करती है कि पार्टी को हर चुनाव में अपनी रणनीतियों को परखते हुए आगे बढ़ना आता है। भाजपा ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और दक्षिण भारत जैसे राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत की है। इसके अलावा, पार्टी के प्रति लोगों का समर्थन भी निरंतर बढ़ता जा रहा है, जो पीएम मोदी की कार्यकुशलता और उनकी सरकार के कार्यों को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।
दिल्ली में बीजेपी की वापसी ने यह साफ कर दिया है कि अब पीएम मोदी के लिए देशभर में कोई भी चुनौती शेष नहीं रह गई है। पिछले चुनावों में कई बार दिल्ली में पार्टी हार चुकी थी, लेकिन अब 2025 में दिल्ली विधानसभा में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत ने यह सिद्ध कर दिया है कि पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित किया है। अब सवाल उठता है कि पीएम मोदी के लिए क्या बाकी रह गया है? लगभग हर राज्य में बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत की है और दिल्ली में भी भाजपा ने अपनी ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। दिल्ली में 27 साल बाद हुई इस जीत ने पार्टी की राजनीतिक ताकत को और भी बढ़ाया है। दिल्ली की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता की प्रतीक बन चुका है।