Edited By Mahima,Updated: 29 Oct, 2024 10:49 AM
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP-3 लागू किया जा सकता है, जिसमें कई गतिविधियों पर पाबंदी रहेगी। इनमें निर्माण कार्य, बोरिंग, स्टोन क्रशर, BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहनों का उपयोग शामिल है। हल्की मालवाहक गाड़ियों पर भी प्रतिबंध...
नेशनल डेस्क: दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। हर साल सर्दियों के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है, और इस बार दिवाली के बाद इसका AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 400 तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 304 दर्ज किया गया। इससे पहले, रविवार को यह 355 था, जबकि 29 अक्टूबर को AQI 274 रहा, जो दो दिन की तुलना में कम था। हालांकि, यह स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
GRAP क्या है?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) एक तंत्र है जो वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाता है। यह विभिन्न चरणों में आता है, जिसमें GRAP-1, GRAP-2, और अब GRAP-3 शामिल हैं। प्रत्येक चरण में विभिन्न प्रकार की पाबंदियाँ और प्रतिबंध लागू किए जाते हैं, जो वायु गुणवत्ता के स्तर के आधार पर निर्धारित होते हैं। GRAP के तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाया जाता है, जैसे कि वाहनों का प्रतिबंध, निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी, और अन्य पर्यावरणीय उपाय।
GRAP-3 में कौन-कौन सी गतिविधियों पर लगेगी पाबंदी?
अगर GRAP-3 को लागू किया जाता है, तो निम्नलिखित गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा:
1. निर्माण कार्य: सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ के काम में बोरिंग और ड्रिलिंग पर पाबंदी रहेगी। इस तरह के कार्यों से निकलने वाली धूल और प्रदूषक वायु की गुणवत्ता को और खराब करते हैं।
2. पाइलिंग वर्क: पाइलिंग कार्य, जो कि सामान्यतः बड़े निर्माण परियोजनाओं के लिए आवश्यक होते हैं, और ओपन ट्रेंच सिस्टम से सीवर लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबल के कार्य पर भी रोक लगाई जाएगी। यह कदम विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है।
3. ईंट भट्टे: दिल्ली में चल रहे सभी ईंट भट्टों के काम पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। ईंट निर्माण प्रक्रिया में उच्च मात्रा में वायु प्रदूषण होता है, और इससे प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ सकती है।
4. कच्ची सड़कों पर वाहन चलाना: कच्ची सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी, क्योंकि इससे धूल उड़ने की संभावना रहती है, जो वायु गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
5. मलबे का परिवहन: निर्माण कार्यों से उत्पन्न मलबे का परिवहन भी प्रतिबंधित रहेगा। इस उपाय से प्रदूषण फैलाने वाली सामग्री को कम किया जाएगा।
6. स्टोन क्रशर: सभी स्टोन क्रशर जोन को बंद कर दिया जाएगा। ये क्रशर हवा में सूक्ष्म कणों का उत्सर्जन करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
7. खनन गतिविधियाँ: खनन गतिविधियों पर भी पाबंदी रहेगी, क्योंकि यह प्रक्रिया भी वायु में धूल और अन्य प्रदूषकों का स्तर बढ़ाती है।
8.पेट्रोल-डीजल वाहन: BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल की गाड़ियों पर प्रतिबंध लगेगा। ये वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं, और उनकी संख्या को नियंत्रित करने से प्रदूषण में कमी आ सकती है।
9. हल्की मालवाहक गाड़ियाँ: हल्की मालवाहक गाड़ियों पर भी पाबंदी रहेगी। हालांकि, आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में लगे वाहनों को इस नियम से छूट दी जाएगी।
10. इंटरस्टेट बसें: अंतरराज्यीय बसों में केवल इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों की अनुमति होगी। इससे प्रदूषण फैलाने वाले डीजल वाहनों की संख्या को कम किया जा सकेगा।
11. ऑनलाइन कक्षाएँ: बच्चों की कक्षाएँ ऑनलाइन कराई जा सकती हैं, ताकि उन्हें प्रदूषित हवा से बचाया जा सके। इससे विद्यार्थियों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जाएगा।
GRAP-3 लागू करने की तिथि
GRAP-3 को लागू करने की सटीक तारीख अभी तक तय नहीं हुई है, लेकिन पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि वायु गुणवत्ता के बढ़ते स्तर को देखते हुए इसे जल्द ही लागू करना आवश्यक है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तात्कालिक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि हम आने वाले दिनों में एक स्वस्थ वातावरण की ओर बढ़ सकें।
प्रदूषण के प्रति नागरिकों की जिम्मेदारी
दिल्ली के निवासियों से अपील की गई है कि वे भी इस संकट का सामना करने में सहयोग करें। छोटे-छोटे प्रयास, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, कचरा प्रबंधन में सुधार, और धूम्रपान से बचना, वायु गुणवत्ता में सुधार में मदद कर सकते हैं। यह समय है कि हम सभी एकजुट होकर इस समस्या का सामना करें और एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण की दिशा में कदम बढ़ाएँ। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए हर एक व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है। यदि हम सब मिलकर प्रयास करें, तो निश्चित रूप से हम एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।