Edited By Rahul Rana,Updated: 18 Apr, 2025 11:11 AM
दिल्ली में शराब पीने वालों की संख्या और खपत दोनों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसका सीधा असर दिल्ली सरकार की कमाई पर पड़ा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल शराब बिक्री से सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 में 7,766 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में शराब पीने वालों की संख्या और खपत दोनों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसका सीधा असर दिल्ली सरकार की कमाई पर पड़ा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल शराब बिक्री से सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 में 7,766 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस आंकड़े में उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर दोनों शामिल हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, यह वृद्धि 2021-22 में लागू हुई विवादास्पद आबकारी नीति के कारण आए व्यवधानों से उबरने का संकेत भी देती है।
तीन साल में हर साल बढ़ता गया राजस्व
आबकारी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में सरकार को शराब बिक्री से होने वाला मुनाफा लगातार बढ़ा है:
➤ 2021-22: ₹6,762.61 करोड़
➤ 2022-23: ₹6,830 करोड़
➤ 2023-24: ₹7,430.97 करोड़
➤ 2024-25: ₹7,765.97 करोड़ (अब तक)
एक दिन में कितनी बिकती है शराब?
अगर पूरे साल के आँकड़ों को रोज के हिसाब से बांटें, तो दिल्ली में प्रतिदिन हजारों की संख्या में शराब की बोतलें बिकती हैं। इससे न सिर्फ सरकार की तिजोरी भर रही है, बल्कि यह दिल्लीवासियों की शराब की खपत का भी संकेत है।
अब भी लागू है पुरानी नीति, नई नीति का इंतजार
सितंबर 2022 से लागू की गई पुरानी आबकारी नीति को अब तक कई बार विस्तार दिया जा चुका है। दरअसल, दिल्ली सरकार ने 2021-22 की नई सुधारात्मक आबकारी नीति को घोटालों और अनियमितताओं के आरोपों के चलते रद्द कर दिया था। तब से लेकर अब तक कोई नई नीति सामने नहीं आई है। दिल्ली सरकार के चारों निगम इस समय पूरे शहर में 700 से अधिक खुदरा शराब की दुकानें चला रहे हैं। सभी दुकानें सरकारी नियंत्रण में हैं, जिससे पारदर्शिता और राजस्व दोनों को बनाए रखा जा सके।
नई आबकारी नीति कब आएगी?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार एक नई, पारदर्शी और सुरक्षित आबकारी नीति पर काम कर रही है। यह नीति अन्य राज्यों में अपनाई गई सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं के आधार पर बनाई जाएगी, जिससे न सिर्फ राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। दिल्ली में शराब की खपत बढ़ती जा रही है, जिससे सरकार को भारी राजस्व प्राप्त हो रहा है। हालांकि, नई नीति के अभाव में पुरानी नीति को बार-बार बढ़ाया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में सरकार कितनी जल्दी और कितनी प्रभावशाली नई शराब नीति लेकर आती है।