Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 15 Feb, 2025 11:35 AM
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस बार बीजेपी में सीएम के चेहरे को लेकर मंथन जारी है और कुछ कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या दिल्ली में भी मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह...
नेशनल डेस्क:दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस बार बीजेपी में सीएम के चेहरे को लेकर मंथन जारी है और कुछ कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या दिल्ली में भी मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह पर्ची से ही नाम निकलेगा। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली का नया मुख्यमंत्री 19 फरवरी को शपथ ले सकता है। इससे पहले 17 या 18 फरवरी को विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें पर्यवेक्षकों के नाम तय किए जाएंगे और वही सीएम के नाम का ऐलान करेंगे।
बीजेपी के भीतर मंथन, पांच दावेदारों का नाम चर्चा में
इस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए पांच प्रमुख चेहरे सामने हैं, जिनमें प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्ता, विजेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र सचदेवा और सतीश उपाध्याय के नाम शामिल हैं। इन पांचों में से प्रवेश वर्मा को सबसे आगे माना जा रहा है, लेकिन अन्य नामों से भी चुनौती मिल रही है।
प्रवेश वर्मा: सीएम की रेस में सबसे आगे
प्रवेश वर्मा का नाम सबसे प्रमुख है, क्योंकि उन्होंने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को हराया है और दिल्ली बीजेपी में उनका एक मजबूत आधार है। वे बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति का चेहरा माने जाते हैं। उनके समर्थक मानते हैं कि वह दिल्ली की राजनीति में बदलाव ला सकते हैं।
रेखा गुप्ता और विजेंद्र गुप्ता: क्या होगी चुनौती?
प्रवेश वर्मा को रेखा गुप्ता और विजेंद्र गुप्ता से चुनौती मिल रही है। रेखा गुप्ता पहली बार शालीमार बाग से विधायक बनी हैं, लेकिन पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता रही हैं। विजेंद्र गुप्ता भी बीजेपी के जानेमाने नेता हैं और केजरीवाल की लहर में रोहिणी से विधायक बने थे।
सतीश उपाध्याय और वीरेंद्र सचदेवा: क्या होंगे विकल्प?
सतीश उपाध्याय भी सीएम की रेस में शामिल हैं। वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और मालवीय नगर से चुनाव जीते हैं। वहीं, वीरेंद्र सचदेवा ने चुनावी रणनीति तैयार की थी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ बीजेपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
क्या बीजेपी के लिए सस्पेंस की स्थिति है?
बीजेपी का इतिहास इस बात को लेकर सस्पेंस पैदा करने के लिए जाना जाता है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में यह देखा गया कि चुनाव परिणाम के बाद पार्टी ने एक चौकाने वाला फैसला लिया। दिल्ली में भी ऐसा हो सकता है, क्योंकि पार्टी के अंदर कुछ नए नाम चर्चा में आ रहे हैं। इन चेहरों में उत्तम नगर के विधायक पवन शर्मा, घोंडा के विधायक अजय महावर, आदर्श नगर के विधायक राजकुमार भाटिया, विकासपुरी के विधायक पंकज सिंह और लक्ष्मीनगर के विधायक अभय वर्मा का नाम शामिल है। ये सभी बीजेपी के पुराने वफादार कार्यकर्ता हैं।
पूर्वांचल वोटर्स का प्रभाव
दिल्ली में इस बार पूर्वांचल से चार विधायक जीते हैं, जिनमें कपिल मिश्रा, अभय वर्मा, पंकज सिंह और चंदन चौधरी शामिल हैं। खास बात यह है कि इन नेताओं का बिहार से सीधा संबंध है, और बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी इन नेताओं को अहम मौका दे सकती है।
बीजेपी के सीएम का चुनाव क्यों अहम है?
बीजेपी के लिए दिल्ली में मुख्यमंत्री का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने की योजना बनाई है। दिल्ली में 26 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हो रही है, और प्रधानमंत्री मोदी भी चाहते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण और यमुना की सफाई के मुद्दे का समाधान किया जाए। ऐसे में पार्टी का सीएम का चयन काफी सोच-समझ कर किया जाएगा।