Edited By rajesh kumar,Updated: 27 Nov, 2024 05:49 PM
भारत के शीर्ष सात महानगरों में प्रीमियम और लग्जरी घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। क्रेडाई-एमसीएचआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2024) के दौरान कुल बिक्री मूल्य में 18% की वृद्धि हुई है, जो 235,800 करोड़...
नेशनल डेस्क: भारत के शीर्ष सात महानगरों में प्रीमियम और लग्जरी घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। क्रेडाई-एमसीएचआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2024) के दौरान कुल बिक्री मूल्य में 18% की वृद्धि हुई है, जो 235,800 करोड़ रुपये से बढ़कर 279,309 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि बेची गई इकाइयों की संख्या में 3% की मामूली गिरावट दर्ज की गई, लेकिन औसत टिकट आकार में बड़ा उछाल आया है। यह अब 1 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.23 करोड़ रुपये हो गया है, जो खरीदारों के बीच प्रीमियम घरों की बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है।
शहरवार प्रदर्शन:
लग्जरी घरों की ओर रुझान क्यों?
क्रेडाई-एमसीएचआई के मुख्य परिचालन अधिकारी केवल वलमभिया का कहना है, "खरीदार अब बेहतर जीवनशैली, विश्वस्तरीय सुविधाओं और मजबूत निवेश मूल्यों वाली प्रीमियम संपत्तियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।" बढ़ती डिस्पोजेबल आय, सुविधाओं का महत्व और बेहतर लोकेशन के साथ बड़े घरों की मांग इस बदलाव के मुख्य कारण हैं। एनसीआर और बेंगलुरु जैसे शहर उच्च-मूल्य वाली संपत्तियों के लिए खासतौर पर पसंद किए जा रहे हैं।
आगे की राह:
रिपोर्ट के अनुसार, लग्जरी रियल एस्टेट सेगमेंट में यह वृद्धि आने वाले समय में भी जारी रहने की उम्मीद है। डेवलपर्स से अपील की गई है कि वे स्थिरता, बेहतरीन डिज़ाइन और विश्व स्तरीय सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए खरीदारों की जरूरतों को पूरा करें।
भारत में लग्जरी रियल एस्टेट अब तेजी से उभरता हुआ बाजार बन गया है, जिसमें खरीदार प्रीमियम जीवनशैली के अनुभव को महत्व दे रहे हैं। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के आंकड़े यह साबित करते हैं कि लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट निवेश और जीवनस्तर दोनों के लिहाज से बेहतर विकल्प बनता जा रहा है।