Edited By rajesh kumar,Updated: 13 Nov, 2024 01:01 PM
दिल्ली-एनसीआर में बुधवार की सुबह धुंध की मोटी चादर छाई रही, जिससे दृश्यता बुरी तरह प्रभावित हुई और लोगों को खतरनाक वायु गुणवत्ता से जूझना पड़ा। सड़कों पर निकलने वाले लोगों में से कई ने आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की।
नेशनल डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में बुधवार की सुबह धुंध की मोटी चादर छाई रही, जिससे दृश्यता बुरी तरह प्रभावित हुई और लोगों को खतरनाक वायु गुणवत्ता से जूझना पड़ा। सड़कों पर निकलने वाले लोगों में से कई ने आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की। राष्ट्रीय राजधानी के अलावा, उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद तथा हरियाणा के गुरुग्राम जैसे एनसीआर शहरों में हवा में जहरीली धुंध छाई रही, जिससे निवासियों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया।
जानलेवा स्तर पर पहुंचा प्रदूषण- दिल्लीवासी
दिल्ली निवासी अभिमन्यु झा ने आईएएनएस से बात करते हुए कई लोगों की चिंताओं को व्यक्त किया और चेतावनी दी कि प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा, "प्रदूषण अब जानलेवा हो गया है।" उन्होंने कहा कि इससे शहर के लोगों में गंभीर श्वसन संबंधी समस्याएं और यहां तक कि कैंसर भी हो रहा है। झा ने इस बात पर जोर दिया कि इस पर्यावरणीय संकट का खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास जहरीली हवा से बचने के लिए सीमित विकल्प हैं। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, "हम इसे बर्दाश्त करते हैं क्योंकि हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है।"
बयानबाजी से हटकर ठोस कार्रवाई करे सरकार
उन्होंने सुझाव दिया कि अमीर नागरिक स्वच्छ वाहन तकनीक अपनाकर प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं। झा ने समस्या से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों की आलोचना की, विशेष रूप से प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से किए गए छिड़काव उपायों की अप्रभावीता की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "छिड़काव की पहल एक दिखावा लगती है। प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और राजमार्ग की स्थिति बिगड़ रही है।" उनकी टिप्पणियों को अन्य लोगों ने भी दोहराया और सरकार से बयानबाजी से हटकर ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया।
आंखें जल रही हैं, सांस लेना मुश्किल हो रहा- बुद्ध सिंह
काम के लिए सड़कों पर निकले बुद्ध सिंह ने बिगड़ती परिस्थितियों पर गौर किया। उन्होंने कहा, "यह कोहरे में चलने जैसा है। मेरी आंखें जल रही हैं और सांस लेना मुश्किल हो रहा है।" उन्होंने कहा, "हर साल स्थिति बदतर होती जा रही है, और फिर भी सरकार खोखले वादे करती रहती है। कुछ भी नहीं बदलता।"
कोहरा में साइकिल चलाना भी खतरनाक हो गया है- प्रभुनाथ दुबे
एक फैक्ट्री कर्मचारी प्रभुनाथ दुबे ने भी ऐसी ही चिंताएं साझा कीं। उन्होंने कहा, "आज कोहरा इतना घना है कि साइकिल चलाना भी खतरनाक हो गया है।" उन्होंने कहा, "प्रदूषण असहनीय है और यह सभी को प्रभावित कर रहा है। सरकार को सिर्फ़ बातें करने से ज़्यादा कुछ करने की ज़रूरत है।" भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि दिल्ली में बुधवार को मौसम का पहला घना कोहरा दर्ज किया गया और सुबह 8 बजे दृश्यता 0 मीटर तक गिर गई।