Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Feb, 2025 01:07 PM
केंद्र सरकार ने आज घोषणा की कि अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया है कि 487 संभावित भारतीय नागरिकों के खिलाफ "फाइनल रिमूवल ऑर्डर" (अंतिम निर्वासन आदेश) जारी किए गए हैं। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब 104 भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित...
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज घोषणा की कि अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया है कि 487 संभावित भारतीय नागरिकों के खिलाफ "फाइनल रिमूवल ऑर्डर" (अंतिम निर्वासन आदेश) जारी किए गए हैं। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब 104 भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित कर एक C-17 अमेरिकी सैन्य विमान के जरिए भारत भेजा गया, जहां उनके हाथ-पैर जंजीरों में जकड़े हुए थे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "हमें सूचित किया गया है कि 487 संभावित भारतीय नागरिकों के खिलाफ अंतिम निर्वासन आदेश जारी किए गए हैं। उनके कानूनी दर्जे और स्थिति के बारे में हमें कुछ जानकारी मिली है, और हम इन उपलब्ध आंकड़ों पर काम कर रहे हैं।"
अमेरिकी सैन्य विमान से भारत भेजे गए प्रवासी
104 भारतीय प्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान जब अमृतसर पहुंचा, तो यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत पहली सामूहिक निर्वासन प्रक्रिया बन गई। ये प्रवासी अवैध तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर निर्वासित किया गया। रिपोर्टों के अनुसार, पूरी उड़ान के दौरान उन्हें हथकड़ियों और बेड़ियों से जकड़कर रखा गया था, और भारत पहुंचने के बाद ही उन्हें मुक्त किया गया।
अमेरिका द्वारा सैन्य विमान के इस्तेमाल पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "यह निर्वासन प्रक्रिया पहले की उड़ानों की तुलना में थोड़ी अलग थी। अमेरिकी प्रणाली में इसे राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान के रूप में वर्णित किया गया है।"
निर्वासन पर केंद्र बनाम विपक्ष
निर्वासन और उसे लागू करने के तरीके को लेकर भारत में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने सवाल उठाया कि सरकार ने अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए अपनी शर्तों पर कोई प्रयास क्यों नहीं किया।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए अपने रुख का बचाव किया, लेकिन विपक्ष ने तर्क दिया कि सरकार ने पहले संकटग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था की थी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा, "हर देश को अवैध रूप से रहने वाले अपने नागरिकों को वापस लेने की जिम्मेदारी निभानी होती है। अमेरिका में यह निर्वासन प्रक्रिया 2012 से लागू मानकों के तहत की गई है। ICE (यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) के नियमों के अनुसार, निर्वासन के दौरान हथकड़ी लगाने का प्रावधान है, लेकिन हमें सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को नहीं बांधा गया।"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार अमेरिकी अधिकारियों से लगातार संपर्क में है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने कहा,"हम सभी के हित में वैध प्रवास को बढ़ावा देना और अवैध प्रवास को हतोत्साहित करना जरूरी है।"
प्रवासी भारतीयों के लिए नया कानून लाने की तैयारी
भारत सरकार नए प्रवास कानून पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिससे वैध, सुव्यवस्थित और सुरक्षित प्रवासन को बढ़ावा दिया जा सके। लोकसभा में सोमवार को विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं, ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में 'ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024' लाने की सिफारिश की गई है।
अमेरिका का पक्ष
अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान से निर्वासित करने के अपने फैसले का बचाव किया है। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा, "हमारे देश के आप्रवासन कानूनों को लागू करना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।" अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "मैं उड़ान के विवरण में नहीं जा सकता, लेकिन मैं यह साझा कर सकता हूं कि अमेरिका के आप्रवासन कानूनों को निष्पक्ष रूप से लागू करना हमारी नीति है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी अवैध प्रवासियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।"