Edited By Yaspal,Updated: 04 Oct, 2024 05:00 PM
मुंबई स्थित राज्य सचिवालय में शुक्रवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल सहित कुछ आदिवासी नेता धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने का विरोध करने के लिए मंत्रालय में बने सुरक्षा जाल पर कूद...
मुंबईः मुंबई स्थित राज्य सचिवालय में शुक्रवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल सहित कुछ आदिवासी नेता धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने का विरोध करने के लिए मंत्रालय में बने सुरक्षा जाल पर कूद गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। प्रदर्शनकारियों में राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के दो विधायक और एक सांसद शामिल थे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक झिरवाल और किरण लहामाटे और भाजपा के आदिवासी सांसद हेमंत सवारा उन लोगों में शामिल हैं जो तीसरी मंजिल से सुरक्षा जाल पर कूद गए थे, जिसे 2018 में सचिवालय में लगाया गया था। जब पुलिस कर्मियों ने इन नेताओं को जाल से हटाया तब आदिवासी प्रतिनिधि मैदान में एकत्रित हो गए और धरना देने लगे। उनका दावा था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आरक्षण पर चर्चा के लिए उनसे मुलाकात नहीं कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने इस तरह से विरोध प्रदर्शन क्यों किया, झिरवाल ने कहा, ‘‘मैं पहले आदिवासी हूं फिर विधायक और डिप्टी स्पीकर हूं। मुख्यमंत्री शिंदे को प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करना चाहिए।'' विधान परिषद के सदस्य एवं भाजपा नेता गोपीचंद पडलकर ने कहा कि झिरवाल एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें ऐसा कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है। झिरवाल ने कहा कि राज्य सरकार को उन छात्रों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए जो महाराष्ट्र में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (पेसा) के तहत भर्ती पर रोक के खिलाफ एक पखवाड़े से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।