Edited By Rahul Rana,Updated: 01 Dec, 2024 02:38 PM
भारत सरकार ने भीड़-भाड़ और अति-पर्यटन को नियंत्रित करने के लिए पूर्वोत्तर भारत के छह राज्यों में आठ कम-ज्ञात पर्यटन स्थलों को प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। इसके लिए करीब 800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई...
नेशनल डेस्क। भारत सरकार ने भीड़-भाड़ और अति-पर्यटन को नियंत्रित करने के लिए पूर्वोत्तर भारत के छह राज्यों में आठ कम-ज्ञात पर्यटन स्थलों को प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। इसके लिए करीब 800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और त्रिपुरा में फैली हुई हैं।
परियोजनाओं की मंजूरी और धनराशि
इन परियोजनाओं को वित्तीय विभाग (डीओई) द्वारा मंजूरी दी गई है। विभाग ने पहली किस्त के तौर पर 66% धनराशि जारी की है जो संबंधित राज्यों को सीधे मिलेगी। अधिकारियों के मुताबिक पर्यटन मंत्रालय इन परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करेगा। राज्यों को मार्च 2026 तक इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समय दिया गया है।
स्वीकृत परियोजनाओं में शामिल हैं
इन परियोजनाओं में कुछ प्रमुख स्थानों का नाम इस प्रकार है:
- सिक्किम: नाथुला सीमा अनुभव (97.37 करोड़ रुपये)
- त्रिपुरा: गोमती में 51 शक्ति पीठ पार्क (97.7 करोड़ रुपये)
- मणिपुर: लोकटक झील का अनुभव (89.48 करोड़ रुपये)
- मेघालय: शिलांग में उमियाम झील (99.27 करोड़ रुपये)
- असम: गुवाहाटी में असम राज्य चिड़ियाघर (97.12 करोड़ रुपये)
- अरुणाचल प्रदेश: पासीघाट में सियांग इको-रिट्रीट (46.48 करोड़ रुपये)
केंद्रीय पर्यटन मंत्री की टिप्पणी
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ये परियोजनाएं भारत भर में पर्यटकों के संतुलित वितरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही हैं। इन परियोजनाओं का कुल खर्च करीब 3,295 करोड़ रुपये होगा और ये देश के 23 राज्यों में फैली हुई हैं।
द्वितीयक और स्थायी पर्यटन विकास
पर्यटन मंत्रालय ने इन परियोजनाओं के लिए विशेष एसएएससीआई (विशेष सहायता पूंजी निवेश) दिशानिर्देश जारी किए हैं जिससे राज्यों को स्थायी और प्रभावशाली पर्यटन स्थलों को विकसित करने का मार्गदर्शन मिलेगा। मंत्रालय का उद्देश्य कम-ज्ञात स्थलों को बढ़ावा देना है ताकि इन स्थानों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के माध्यम से इनकी पर्यटन संभावनाओं को बढ़ाया जा सके।
नए निवेश और रोजगार के अवसर
मंत्रालय ने राज्य सरकारों को सार्वजनिक-निजी निवेश के अवसर तलाशने के लिए भी प्रेरित किया है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। भूमि संबंधित परियोजनाओं के लिए राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाएगी। इस प्रकार इन परियोजनाओं से स्थानीय विकास, नौकरी के अवसर और सतत पर्यटन की दिशा में मदद मिलेगी।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की टिप्पणी
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने हाल ही में आईटीएम (इंटरनेशनल टूरिज़म मार्ट) में कहा कि राज्य में पिछले दशक में पर्यटकों की संख्या में 205% की वृद्धि देखी गई है। उन्होंने बताया कि तिब्बत की सीमा से लगे गांवों में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है और इसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और सेना मिलकर काम कर रही है।