Edited By Parminder Kaur,Updated: 11 Apr, 2025 04:11 PM
26/11 मुंबई आतंकी हमले की गवाह रही देविका रोटावन आज 25 साल की हो चुकी हैं, जिसने सिर्फ 9 साल की उम्र में आतंकवादी अजमल कसाब को अदालत में पहचाना था। उन्होंने हाल ही में आतंकी राणा के भारत प्रत्यर्पण को एक बड़ी उपलब्धि बताया है और मांग की है कि जैसे...
नेशनल डेस्क. 26/11 मुंबई आतंकी हमले की गवाह रही देविका रोटावन आज 25 साल की हो चुकी हैं, जिसने सिर्फ 9 साल की उम्र में आतंकवादी अजमल कसाब को अदालत में पहचाना था। उन्होंने हाल ही में आतंकी राणा के भारत प्रत्यर्पण को एक बड़ी उपलब्धि बताया है और मांग की है कि जैसे कसाब को फांसी दी गई, वैसे ही अब राणा को भी फांसी दी जानी चाहिए।
अब राणा को सजा देने की बारी है- देविका
देविका ने कहा कि उन्हें आज भी हमले का हर पल याद है। वे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST) पर मौजूद थीं, जब आतंकियों ने वहां अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। उसी दौरान एक गोली देविका के पैर में लगी थी, जिससे वह घायल हो गईं और बेहोश होकर गिर पड़ीं। मैंने अपनी आंखों के सामने कई लोगों को मरते और घायल होते देखा। मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी। मैं सिर्फ 9 साल की थी, पर जो देखा वो कभी नहीं भूल सकती।
घायल अवस्था में उन्हें सेंट जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया और बाद में जेजे अस्पताल में उनके पैर की सर्जरी हुई। इसके बावजूद देविका ने हिम्मत नहीं हारी और मुख्य गवाह बनकर अजमल कसाब की पहचान कोर्ट में की, जिससे उसे फांसी की सजा दिलाई जा सकी।
देविका ने कहा कि राणा को भारत लाने के लिए सरकार का आभार है और अब समय आ गया है कि हेडली जैसे अन्य साजिशकर्ताओं को भी सामने लाया जाए और उन्हें सजा दिलाई जाए।
तुकाराम ओंबले के भाई ने भी उठाई फांसी की मांग
मुंबई हमले के दौरान आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ने वाले और वीरगति को प्राप्त हुए सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले के भाई एकनाथ ओंबले ने भी राणा के भारत आने को देश के लिए बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा कि राणा हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी था और उसे भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मुंबई हमले की रात देश के लिए बेहद दर्दनाक थी। कई मासूम नागरिक और बहादुर पुलिसकर्मी मारे गए। हम नहीं चाहते कि फिर कोई पाकिस्तान ऐसी हिमाकत करे। राणा को सजा देना जरूरी है, ताकि यह एक चेतावनी बने।
उन्होंने यह भी कहा कि कसाब को फांसी मिलने में जो देरी हुई। वह भी देश ने सहन किया क्योंकि उस आतंकी के ज़रिए पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने आया।