उत्तर भारत में जन्माष्टमी पर मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, पटना के इस्कॉन मंदिर में भगदड़ जैसे हालात

Edited By Pardeep,Updated: 27 Aug, 2024 05:51 AM

devotees flock to temples in north india on janmashtami

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उत्तर और पूर्वी भारत में सोमवार को मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान हर ओर 'हरे कृष्ण' के जयकारों की गूंज सुनाई दी और कई स्थानों पर लोग मंदिर खुलने से पहले ही सुबह की आरती के लिए लंबी कतारों में...

नई दिल्लीः श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उत्तर और पूर्वी भारत में सोमवार को मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान हर ओर 'हरे कृष्ण' के जयकारों की गूंज सुनाई दी और कई स्थानों पर लोग मंदिर खुलने से पहले ही सुबह की आरती के लिए लंबी कतारों में खड़े रहे। बिहार के पटना में इस्कॉन मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और कुछ श्रद्धालु घायल हो गए। 

दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिड़ला मंदिर) को जन्माष्टमी के अवसर पर रोशनी से सजाया गया था। शहर के अन्य मंदिरों में भी ऐसा ही किया गया, कुछ मंदिरों में थाईलैंड जैसे देशों से आयातित फूल भी सजाए गए। कई इलाकों में भगवान कृष्ण की झांकियां भी निकाली गईं। छतरपुर मंदिर ने रूस-यूक्रेन युद्ध की ‘थीम' पर एक नृत्य नाटिका का आयोजन किया, जिसमें विश्व शांति का संदेश दिया गया। ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में महा पूजा की गई और भगवान को 1,008 विभिन्न व्यंजनों का भोग लगाया गया। 

इस्कॉन के उपाध्यक्ष वृजेंद्र नंदन दास ने कहा, "जैसे ही हमने सुबह 4:30 बजे मंदिर के द्वार खोले, भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हमने पूरे दिन दर्शन की व्यवस्था की है।” पटना से सामने आए वीडियो क्लिप में सुरक्षाकर्मियों को इस्कॉन मंदिर में भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते देखा गया। उनमें से कुछ लोग जमीन पर गिर गए और सुरक्षाकर्मियों ने उनकी मदद की। 

शहर प्रशासन ने बाद में कहा, "इस्कॉन मंदिर में कोई भगदड़ नहीं हुई। पुलिस अवरोधक पार करके मंदिर परिसर में घुसने की कोशिश करने वाले भक्तों को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।" मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में सुबह 'मंगला आरती' में शामिल होने के लिए सैकड़ों लोग एकत्र हुए, जिससे मंदिर परिसर 'जय जय श्री राधे' और 'जय कन्हैया लाल की' के नारों से गूंज उठा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने कहा, "देर शाम तक लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं ने मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, महावन के विभिन्न मंदिरों में दर्शन किए, जबकि अनौपचारिक आंकड़ों के अनुसार यह संख्या इससे अधिक रही।" 

मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी समारोह का नेतृत्व करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज पावन नगरी मथुरा में मैंने योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधारानी के दिव्य एवं मनोहर स्वरूपों का दर्शन एवं पूजन किया। दुखभंजन, यशोदानंदन, भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधा जी की कृपा समस्त ब्रह्माण्ड एवं इस संसार पर बनी रहे।" 

राजस्थान के जयपुर में सुबह से ही कड़ी सुरक्षा के बीच हजारों की संख्या में श्रद्धालु गोविंद देवजी मंदिर और श्री राधा गोपीनाथजी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। पंजाब और हरियाणा में जहां श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों में उमड़ी, वहीं रंग-बिरंगे परिधानों में सजे-धजे बच्चे सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम पेश करते नजर आए। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया और हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने लोगों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। 

कटारिया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, “जन्‍माष्‍टमी के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई। यह त्योहार हमें भगवान श्री कृष्ण के दिव्य आदर्शों के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित करता है। आइए इस अवसर पर, हम भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं को आत्मसात करें तथा देश की प्रगति और समृद्धि के लिए कार्य करने का संकल्प लें।” दत्तात्रेय ने ‘एक्स' पर कहा, “भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद सभी के जीवन में आनंद, शांति और समृद्धि लाए। 

जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, आइए हम भगवान कृष्ण के दिव्य प्रेम एवं शिक्षाओं का जश्न मनाएं।” झारखंड की राजधानी रांची में कई जगहों पर दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रविवार रात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के मोरहाबादी मैदान में कृष्ण महोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लिया। 

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