Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Nov, 2024 05:47 PM
कर्नाटक राज्य में धार्मिक मामलों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी के नेतृत्व में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के धार्मिक मामलों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें तीर्थयात्रियों के लिए वित्तीय सहायता, धार्मिक भवन...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक राज्य में धार्मिक मामलों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी के नेतृत्व में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के धार्मिक मामलों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें तीर्थयात्रियों के लिए वित्तीय सहायता, धार्मिक भवन निर्माण, मंदिर संपत्तियों की सुरक्षा और मंदिरों के प्रबंधन समितियों के गठन जैसे विषय शामिल थे।
वैष्णो देवी यात्रा के लिए 5000 रुपए की सहायता
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कर्नाटक राज्य के तीर्थयात्रियों को अब वैष्णो देवी जाने पर 5000 रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी। इस कदम का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को आर्थिक मदद प्रदान करना और उनकी यात्रा को सरल बनाना है।
धार्मिक भवन निर्माण
इसके अलावा, मुजराई विभाग ने राज्य के एमएस बिल्डिंग के पास 3/4 एकड़ जमीन पर एक धार्मिक भवन बनाने का निर्णय लिया है। इस परियोजना पर लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे और यह धार्मिक कार्यों के प्रचार-प्रसार में मदद करेगा।
मंदिर संपत्तियों की सुरक्षा और अतिक्रमण हटाना
राज्य के मंदिरों में संपत्तियों के अतिक्रमण पर भी ध्यान दिया गया है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंदिरों से संबंधित संपत्तियों का सर्वेक्षण किया जाएगा और यदि किसी संपत्ति पर अतिक्रमण पाया गया, तो उसे तुरंत हटाया जाएगा। इसके अलावा, मंदिर संपत्तियों की सुरक्षा और उनके रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने का भी निर्णय लिया गया।
विद्या सहाय धन योजना की तारीख बढ़ी
मुजराई मंत्री ने यह भी घोषणा की कि विद्या सहाय धन योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि पहले 31 अक्टूबर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है। इस योजना के तहत गरीब बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, और अब अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकेंगे।
प्रबंधन समितियों का गठन
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 14 मंदिरों के प्रबंधन समितियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनके लिए नई समितियों का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, 28 मंदिरों के लिए भी प्रबंधन समितियां बनाई जाएंगी। कुछ मंदिरों के लिए पुनः आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, ताकि प्रबंधन समिति का गठन किया जा सके।
बैठक में शामिल प्रमुख सदस्य
इस बैठक में मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी के अलावा अन्य कई प्रमुख सदस्य भी उपस्थित थे, जिनमें के. एम. नागराज, द्वारकानाथ, के. चन्द्रशेखर, महंतेश प्रभु शास्त्री, श्रीमती मल्लिका पक्कल, मठसिद्ध पंडितराध्या, राधाकृष्ण, श्रीवत्स केदिन्थालय, और डॉ. एमवी वेंकटेश आयुक्त शामिल थे। यह बैठक कर्नाटका राज्य में धार्मिक मामलों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों की शुरुआत साबित हुई है, जो राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास में सहायक साबित होंगे। इस बैठक के बाद कर्नाटक में धार्मिक संस्थाओं और तीर्थयात्रियों के लिए कई नई योजनाओं और व्यवस्थाओं की शुरुआत हो रही है, जो राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन को और भी समृद्ध बनाएंगी।