Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jun, 2022 08:41 AM
नागर विमानन निदेशालय (DGCA) ने मंगलवार को कहा कि उसने वैध टिकट होने के बावजूद यात्रियों को विमान पर नहीं चढ़ने देने और इसके बाद अनिवार्य मुआवजा नहीं देने पर ‘एयर इंडिया'' पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
नेशनल डेस्क: नागर विमानन निदेशालय (DGCA) ने मंगलवार को कहा कि उसने वैध टिकट होने के बावजूद यात्रियों को विमान पर नहीं चढ़ने देने और इसके बाद अनिवार्य मुआवजा नहीं देने पर ‘एयर इंडिया' पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। DGCA ने एक बयान जारी करके कहा कि इसके बाद DGCA द्वारा जांच का सिलसिला शुरू हुआ और बेंगलुरु, हैदराबाद तथा दिल्ली में हमने निगरानी की। हमने पाया कि एयर इंडिया के मामले में यात्रियों को मुआवजा देने के संबंध में नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी करके व्यक्तिगत सुनवाई भी की गई थी।
विमानन नियामक के अनुसार हो सकता है कि इस संबंध में एयर इंडिया की कोई नीति नहीं हो और वह यात्रियों को मुआवजे का भुगतान नहीं कर रही है। बयान में कहा गया कि यह गंभीर चिंता का विषय है, जो अस्वीकार्य है। इसमें कहा गया कि एयर इंडिया की दलीलों का अध्ययन करने के बाद 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया।'' बयान में यह भी कहा गया है कि एयरलाइन को सलाह दी गई है कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए तुरंत तंत्र विकसित करे और ऐसा ना करने पर DGCA द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।
DGCA के नियमों के मुताबिक यदि संबंधित एयरलाइन एक घंटे के भीतर प्रभावित यात्री के लिए वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था करने में सक्षम है, तो कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। हालांकि, एयरलाइन अगले 24 घंटों के भीतर यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने में सक्षम हैं, तो नियमों में 10,000 रुपए तक का मुआवजा निर्धारित किया गया है। नियम के मुताबिक 24 घंटे से अधिक विलंब पर 20,000 रुपए का मुआवजा निर्धारित किया गया है। सूत्रों ने आरोप लगाया है कि देश में covid-19 मामले घटने के बाद से एयरलाइनें उड़ानों के लिए बहुत अधिक बुकिंग कर रही हैं। ऐसे में जब यात्रियों की संख्या सीट संख्या से अधिक हो जाती है, तो कुछ यात्रियों को विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती।