Edited By rajesh kumar,Updated: 11 Dec, 2024 03:48 PM
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 1952 से अनुच्छेद 67 के तहत कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है क्योंकि उपराष्ट्रपति ने कभी राजनीति नहीं की। राज्यसभा में राजनीति...
नेशनल डेस्क: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 1952 से अनुच्छेद 67 के तहत कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है क्योंकि उपराष्ट्रपति ने कभी राजनीति नहीं की। राज्यसभा में राजनीति नियमों से ऊपर हो गई है। सभापति पक्षपातपूर्ण व्यवहार में लिप्त हैं।
वे सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे- खरगे
खरगे ने कहा, ''राज्यसभा के सभापति का आचरण पद की गरिमा के विपरीत है। वह विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हैं, अक्सर सरकार की प्रशंसा करते हैं।'' खरगे ने कहा, ''राज्यसभा के सभापति स्कूल के हेडमास्टर की तरह काम करते हैं, विपक्षी नेताओं को उपदेश देते हैं और उन्हें बोलने से रोकते हैं। राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण खुद सभापति हैं। वे सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं।''
हम सभापति के पक्षपात से तंग आ चुके हैं- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्यसभा में सभापति के आचरण से देश की गरिमा को ठेस पहुंची है। खरगने ने कहा, "राज्यसभा अध्यक्ष के खिलाफ हमारे मन में कुछ भी नहीं है, लेकिन उन्होंने हमें उन्हें हटाने के लिए नोटिस देने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा। हम राज्यसभा के सभापति के व्यवहार और पक्षपात से तंग आ चुके हैं। इसीलिए हमने उन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया है।"