Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Aug, 2024 04:39 PM
प्रमुख कंपनियां पारंपरिक फसलों के मुकाबले अधिक सतत विकल्पों की खोज में हैं। पर्नोड रिकार्ड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गगनदीप सेठी ने कहा, "हम पारंपरिक और संसाधन-गहन फसलों जैसे चावल के विकल्प के रूप में अन्य अनाज की खोज कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य जल...
नेशनल डेस्क: प्रमुख कंपनियां पारंपरिक फसलों के मुकाबले अधिक सतत विकल्पों की खोज में हैं। पर्नोड रिकार्ड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गगनदीप सेठी ने कहा, "हम पारंपरिक और संसाधन-गहन फसलों जैसे चावल के विकल्प के रूप में अन्य अनाज की खोज कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य जल उपयोग कम करना, मीथेन उत्सर्जन को घटाना और किसानों के लिए नई अवसर पैदा करना है। इससे न केवल पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि हमारे उत्पादों के विशेष स्वाद प्रोफाइल भी बढ़ेंगे।"
दो साल पहले, डियाजियो ने राजस्थानी लिकर मेकरों की तकनीकों से प्रेरित गोडावन व्हिस्की लॉन्च की थी, जो स्थानीय रूप से प्राप्त छह-row जौ से बनाई गई थी। जॉनी वॉकर और मैकडॉवेल्स के निर्माता डियाजियो ने अपने आंतरिक "ग्रेन प्लेटफॉर्म" प्रयोग के तहत जल्द ही और विकल्प उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। डियाजियो इंडिया के चीफ इनोवेशन ऑफिसर विक्रम दामोदरन ने कहा, "हम विभिन्न अनाजों के साथ प्रयोग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, रागी स्पिरिट की चखने से पता चलता है कि यह ब्लांको, यानी सबसे शुद्ध टकीला की तरह स्वादिष्ट है। बंगाल ग्राम का भी अपना अनोखा स्वाद है। हम ऐसा अनाज चुनते हैं जो इस भूमि के साथ अंतर्निहित हो।"
भारत और मिलेट्स
भारत दुनिया में मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहाँ की तीन प्रमुख मिलेट्स - बाजरा, ज्वार, और कुटू - मिलकर वैश्विक उत्पादन का लगभग 18% हिस्सा बनाती हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। भारतीय सरकार ने देश को मिलेट्स के लिए वैश्विक केंद्र बनाने की घोषणा की है। प्रमुख उपभोक्ता वस्त्र निर्माता जैसे नेस्ले, आईटीसी, ब्रिटानिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर और मारिको ने मिलेट्स पर आधारित उत्पाद लाने या उनके मौजूदा मिलेट्स पोर्टफोलियो को बढ़ाने की योजना बनाई है।
प्रीमियमाइजेशन की दिशा
आईडब्ल्यूएसआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रीमियमाइजेशन जारी है, लेकिन अब इसमें एक विशिष्ट भारतीय तत्व भी शामिल हो गया है।