क्या AI के आगे हार गए डॉक्टर? ChatGPT ने ब्लड कैंसर का पहले कर दिया था अलर्ट

Edited By Rahul Rana,Updated: 26 Apr, 2025 03:52 PM

did doctors lose to ai chatgpt had

जब बात स्वास्थ्य की हो, तो आमतौर पर लोग डॉक्टर पर भरोसा करते हैं। लेकिन अब तकनीक, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), तेजी से इस क्षेत्र में अपनी जगह बना रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है फ्रांस में, जहां 27 वर्षीय महिला मार्ली गार्नराइटर को ब्लड...

नेशनल डेस्क: जब बात स्वास्थ्य की हो, तो आमतौर पर लोग डॉक्टर पर भरोसा करते हैं। लेकिन अब तकनीक, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), तेजी से इस क्षेत्र में अपनी जगह बना रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है फ्रांस में, जहां 27 वर्षीय महिला मार्ली गार्नराइटर को ब्लड कैंसर था, लेकिन डॉक्टरों की शुरुआती रिपोर्ट्स ने इसे नजरअंदाज कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि AI चैटबॉट ChatGPT ने एक साल पहले ही संभावित कैंसर का संकेत दे दिया था, जिसे पहले तो नज़रअंदाज़ किया गया — लेकिन बाद में वही सच निकला।

शुरुआत: जब मार्ली को होने लगे थे अजीब लक्षण
मार्ली को कई महीनों से अजीब तरह की दिक्कतें हो रही थीं —
➤ रात को बार-बार पसीना आना
➤  त्वचा पर जलन और खुजली
➤  लगातार बेचैनी और थकावट

चूंकि उनके पिता की मौत कैंसर से हुई थी, तो उन्होंने इसे स्ट्रेस और मानसिक दबाव से जुड़ा मान लिया। उन्होंने एक के बाद एक मेडिकल चेकअप करवाए, लेकिन हर बार रिपोर्ट्स नॉर्मल ही आईं।

AI से मिली अनोखी सलाह
बढ़ती असहजता के बीच मार्ली ने ChatGPT से सवाल पूछने का निर्णय लिया। उन्होंने AI को अपने लक्षण बताए — और चैटबॉट ने तुरंत कहा कि ये लक्षण, यानी ब्लड कैंसर के हो सकते हैं। शुरुआत में उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। दोस्तों और परिवार वालों ने भी कहा — "AI से कोई इलाज थोड़ी होता है!"। लेकिन AI की यह चेतावनी उनके दिमाग में कहीं रह गई।

जब सच्चाई सामने आई
कुछ महीनों बाद स्थिति और बिगड़ गई।
➤  थकावट असहनीय हो गई
➤  छाती में दर्द होने लगा

इस बार जब डॉक्टरों ने स्कैन किया, तो फेफड़ों में एक बड़ी गांठ मिली। बायोप्सी के बाद पुष्टि हुई कि मार्ली को Hodgkin Lymphoma है — वही ब्लड कैंसर जिसकी चेतावनी ChatGPT ने पहले दी थी।

AI का भविष्य: चेतावनी या सहयोगी?
मार्ली का कहना है, “मैं कभी नहीं सोच सकती थी कि कोई AI टूल मेरे कैंसर के बारे में मुझसे पहले जान सकता है।” यह घटना न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या AI डॉक्टरों से आगे निकल सकता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि:
➤  AI अभी डॉक्टरों की जगह नहीं ले सकता, लेकिन
➤  यह शुरुआती लक्षणों की पहचान में सहायक जरूर बन सकता है
➤  खासकर तब, जब मरीज खुद बार-बार अनदेखी की शिकार हों
➤  AI का कार्यक्षेत्र डायग्नोसिस में सहायक उपकरण के रूप में बढ़ता जा रहा है।


क्यों जरूरी है AI को हेल्थकेयर में समझना?
➤  AI टूल्स जैसे ChatGPT का इस्तेमाल यदि सही दिशा में किया जाए, तो ये
➤  लक्षणों को जल्दी पहचानने में मदद कर सकते हैं
➤  मरीजों को डॉक्टर से जल्दी मिलने की सलाह दे सकते हैं
➤  बार-बार अनदेखी होने वाली बीमारियों की जानकारी भी दे सकते हैं

हालांकि, AI से इलाज नहीं किया जा सकता, लेकिन यह डॉक्टर्स के साथ मिलकर एक मजबूत हेल्थ सपोर्ट सिस्टम बना सकता है।

तकनीक का सही इस्तेमाल दे सकता है नई ज़िंदगी
मार्ली की कहानी यह बताती है कि तकनीक को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। अगर उन्होंने ChatGPT की सलाह को शुरू में ही गंभीरता से लिया होता, तो शायद इलाज और जल्दी शुरू हो सकता। यह घटना भविष्य की ओर इशारा करती है — जहां AI और डॉक्टर साथ मिलकर मरीजों को बेहतर इलाज दे सकते हैं।
 

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