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क्या भारत ने ट्रंप के टैरिफ दबाव के सामने किया सरेंडर ? मोदी सरकार ने संसद में दी सफाई!

Edited By Mahima,Updated: 11 Mar, 2025 05:04 PM

did india surrender to trump s tariff pressure

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद पर केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने संसद में कहा कि अमेरिका ने अभी तक भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच एक नया व्यापार समझौता होने की उम्मीद है, जो टैरिफ कम करने और व्यापार...

नेशनल डेस्क: भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद पर केंद्र सरकार ने संसद में जवाब दिया है कि अमेरिका ने अभी तक भारत पर कोई रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच एक नए व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य इंपोर्ट ड्यूटी और टैरिफ को कम करना और आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना है। इस समझौते से दोनों देशों को लाभ होगा और व्यापार को और मजबूती मिलेगी।

अमेरिका के साथ टैरिफ में कटौती करने पर जताई सहमति 
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ में कटौती करने पर सहमति जताई है। ट्रंप ने कहा था कि 2 अप्रैल 2025 से अमेरिका उन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा, जो अमेरिकी सामान पर अधिक टैक्स वसूलते हैं। ट्रंप ने विशेष रूप से भारत का नाम लिया, यह कहते हुए कि भारत अमेरिका से ज्यादा टैरिफ लेता है और इस वजह से अमेरिकी उत्पादकों के लिए भारतीय बाजार में कारोबार करना मुश्किल हो गया है। ट्रंप का यह बयान भारत के लिए चिंता का कारण बना था, क्योंकि इससे व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ने की संभावना थी।

दोनों देश अपने व्यापार समझौते को करेगी मजबूत 
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर सरकार का कहना है कि दोनों देश अपने व्यापार समझौते को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने यह तय किया था कि 2030 तक दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, 2025 के अंत तक एक नए व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है, जो दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और स्थिर और मजबूत करेगा। 

 भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को बेहतर बनाना
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने इस बात की भी पुष्टि की कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने के लिए लगातार बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियां नए और बढ़ते हुए बाजारों में अपने उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इससे न केवल भारत को फायदे होंगे, बल्कि अमेरिका को भी इससे आर्थिक लाभ मिलेगा। दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को सुधारने और बढ़ाने के लिए सरकार का फोकस व्यापार नीति पर है, जो दोतरफा व्यापार को सुगम और लाभकारी बनाएगी।

2023 में भारत का व्यापार आंकड़ा
भारत और अमेरिका के बीच 2023 में कुल 190.08 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें भारत ने अमेरिका को 83.77 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया और अमेरिका से 40.12 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया। इस हिसाब से भारत को अमेरिका से 43.65 बिलियन डॉलर का व्यापार लाभ हुआ। यह आंकड़ा यह बताता है कि भारत के लिए अमेरिका एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूत करने के कई अवसर हैं।

अमेरिकी कंपनियों को भारत में अधिक निवेश के लिए किया आकर्षित
भारत के लिए अमेरिका के साथ व्यापार को बढ़ाना एक प्रमुख रणनीतिक लक्ष्य है। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार लगातार नए कदम उठा रही है और अमेरिकी कंपनियों को भारत में अधिक निवेश के लिए आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, भारत की नीति यह है कि उसे न केवल अपने उत्पादों को निर्यात करना है, बल्कि नए क्षेत्रों में भी अमेरिकी कंपनियों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे भारत की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

दोनों देशों के बीच व्यापार में हो सकती वृद्धि 
भारत सरकार का मानना है कि अमेरिका के साथ मजबूत और सशक्त व्यापारिक रिश्ते दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। भारत और अमेरिका के बीच के व्यापार समझौते और बातचीत के परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच व्यापार में वृद्धि हो सकती है, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

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