सच्चे दिल से की सेवा... क्या शांतनु नायडू को रतन टाटा की वसीयत में मिला विशेष हिस्सा ?

Edited By Mahima,Updated: 28 Oct, 2024 03:50 PM

did shantanu naidu get a special share in ratan tata s will

रतन टाटा, जिन्होंने 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन किया, केवल एक प्रमुख व्यवसायी ही नहीं, बल्कि एक दयालु इंसान भी थे। उनकी वसीयत में उनके प्रबंधक शांतनु नायडू का विशेष उल्लेख है, जिन्हें शिक्षा के लिए लिए गए ऋण की माफी और टाटा के व्यवसायों में...

नेशनल डेस्क: रतन टाटा, जो भारत के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, का निधन 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में हुआ। उनके जाने से केवल टाटा समूह ही नहीं, बल्कि पूरा देश एक महान नेता और इंसान को खो चुका है। रतन टाटा का नाम न केवल व्यवसाय में उनके योगदान के लिए जाना जाता है, बल्कि उनकी दयालुता और मानवता के लिए भी सम्मानित किया जाता है। 

शांतनु नायडू का विशेष संबंध
रतन टाटा की दरियादिली के कई उदाहरण हैं, लेकिन उनमें से एक विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है उनका संबंध अपने प्रबंधक, शांतनु नायडू के साथ। शांतनु नायडू हमेशा रतन टाटा के साथ नजर आते थे, चाहे वह मतदान के समय हो या किसी औपचारिक कार्यक्रम में। रतन टाटा के अंतिम संस्कार में भी शांतनु नायडू ने अग्रणी भूमिका निभाई, जो उनके बीच की गहरी मित्रता को दर्शाता है। 

रतन टाटा की वसीयत
अब, रतन टाटा की वसीयत के विवरण भी सामने आए हैं, जिसमें उन्होंने अपने करीबी लोगों का नाम शामिल किया है। इस वसीयत में शांतनु नायडू का नाम प्रमुखता से देखने को मिलता है। रतन टाटा की कुल संपत्ति का अनुमान 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें उनकी लग्जरी प्रॉपर्टीज, 350 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FDs), और टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी शामिल है, जो लगभग 165 अरब डॉलर के बराबर है।

शांतनु नायडू को मिले विशेष उपहार
रिपोर्ट के अनुसार, शांतनु नायडू ने एजुकेशन के लिए एक पर्सनल लोन लिया था, जिसे रतन टाटा ने पूरी तरह से माफ कर दिया। यह कदम दर्शाता है कि रतन टाटा अपने सहयोगियों की शिक्षा और विकास को लेकर कितने संवेदनशील थे। इसके अलावा, उन्होंने अपने सभी कारोबार में शांतनु को अपनी हिस्सेदारी भी छोड़ दी है। यह न केवल शांतनु के लिए एक बड़ा उपहार है, बल्कि यह रतन टाटा के उदारता और उनके सहयोगियों के प्रति जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।

'गुडफेलोज' स्टार्टअप
इसके साथ ही, शांतनु नायडू ने बुजुर्गों के लिए एक स्टार्टअप 'गुडफेलोज' शुरू किया था, जिसमें रतन टाटा ने निवेश किया था। यह स्टार्टअप बुजुर्गों की देखभाल और उनके जीवन को आसान बनाने के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। यह पहल न केवल सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाती है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि रतन टाटा ने हमेशा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझा।

रतन टाटा की विरासत
रतन टाटा का जीवन और उनकी कार्यशैली हमें सिखाती है कि सच्ची दयालुता और सहयोग की भावना कितनी महत्वपूर्ण होती है। उनके द्वारा दिखाए गए मार्गदर्शन, उदारता और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके कार्यों ने न केवल टाटा समूह को ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि उन्होंने समाज के कई लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी कार्य किया। 
 

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