Edited By Mahima,Updated: 04 Nov, 2024 03:23 PM
![did the driver s negligence take the lives of 36 passengers](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_11image_15_23_158293655busaccident-ll.jpg)
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक बस दुर्घटना में 36 यात्रियों की जान गई, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। बस ओवरलोडिंग और कंडम हालत में थी, जिससे 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 1...
नेशनल डेस्क: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में आज सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें 36 यात्रियों की जान चली गई। यह दुर्घटना कूपी गांव के पास हुई, जहां बस एक गहरी खाई में गिर गई। इस दुर्घटना में 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे के समय बस में कुल 42 लोग सवार थे, जो दिवाली की छुट्टियों के बाद अपने घरों को लौट रहे थे।
हादसे का कारण ओवरलोडिंग
पुलिस आयुक्त दीपक रावत के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त बस गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की थी। यह बस किनाथ से रामनगर के लिए रवाना हुई थी। दिवाली के दौरान यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि के चलते, बस में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई गई थीं। ओवरलोडिंग के कारण बस का बैलेंस बिगड़ गया, जिससे वह सड़क से उतरकर 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हालांकि, यह घटना और भी गंभीर हो सकती थी, लेकिन बस एक पेड़ में फंस गई और इसी वजह से वह नदी में गिरने से रुक गई। यदि ऐसा न होता, तो बस नदी में समा सकती थी, जिससे और अधिक जानमाल का नुकसान होता।
राहत कार्य और स्थानीय प्रशासन की तत्परता
जैसे ही हादसे की सूचना मिली, सल्ट पुलिस, SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें और स्थानीय ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंच गए। उन्होंpने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें 28 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 लोगों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मी भी तेजी से घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को प्राथमिक उपचार देने के साथ-साथ उन्हें नजदीकी अस्पतालों में भेजने का कार्य किया।
सरकार की प्रतिक्रिया और सहायता
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं बेहद दुःखद होती हैं और राज्य सरकार मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करती है। उन्होंने घोषणा की है कि मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
जांच और सस्पेंशन की कार्रवाई
अल्मोड़ा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने जानकारी दी कि दुर्घटना लगभग साढ़े 8 बजे हुई थी। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बस कंडम हालत में थी, जिससे ड्राइवर उसे संभाल नहीं सका। इस मामले में अल्मोड़ा के SP और नैनीताल के ARTO प्रवर्तन को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया है। कुमाऊं मंडल के आयुक्त को हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए गए हैं, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि बसों की सुरक्षा और फिटनेस को लेकर सख्त मानकों का पालन किया जाना चाहिए।
सड़क सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न
यह घटना एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में जहां सड़कें अक्सर संकरी और खतरनाक होती हैं, वहां ओवरलोडिंग और कंडम वाहनों का चलना सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। इस हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में कठोर कदम उठाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।