Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Mar, 2025 07:10 PM

आजकल साइबर अपराधी नित नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हीं में से एक नया तरीका है डिजिटल अरेस्ट स्कैम। इस स्कैम में ठग महिलाओं व बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं और उनको धमकी देते हैं कि उनका "डिजिटल अरेस्ट" किया जा रहा है
नेशनल डेस्क: आजकल साइबर अपराधी नित नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हीं में से एक नया तरीका है डिजिटल अरेस्ट स्कैम। इस स्कैम में ठग महिलाओं व बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं और उनको धमकी देते हैं कि उनका "डिजिटल अरेस्ट" किया जा रहा है और इससे बचने के लिए उन्हें पैसे चुकाने होंगे। लेकिन हकीकत यह है कि भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई नियम ही नहीं है।
क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?
डिजिटल अरेस्ट एक नकली साइबर क्राइम है जिसमें ठग किसी को फोन कर यह दावा करते हैं कि वे पुलिस या कोई सरकारी अधिकारी हैं और पीड़ित के खिलाफ कोई साइबर अपराध दर्ज है। फिर वे डर फैलाने के लिए कहते हैं कि यदि तुरंत जुर्माना नहीं चुकाया गया, तो व्यक्ति को ऑनलाइन गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह पूरी तरह से फर्जी और अवैध है।
पुलिस ने इस स्कैम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय कानून में किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी केवल शारीरिक रूप से ही हो सकती है, न कि ऑनलाइन। किसी भी सरकारी अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी व्यक्ति को ऑनलाइन अरेस्ट करे। ऐसे में अगर किसी को इस तरह की कॉल आती है, तो यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी है।
अगर आपको भी आए ऐसी कॉल, तो क्या करें?
अगर आपको डिजिटल अरेस्ट के नाम पर कोई कॉल आए, तो डरें नहीं बल्कि इन बचाव के तरीकों को अपनाएं:
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कभी भी पैसे न दें – कोई भी सरकारी एजेंसी डिजिटल माध्यम से पैसे नहीं मांगती।
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कोई निजी जानकारी साझा न करें – बैंक अकाउंट नंबर, पासवर्ड या कोई भी व्यक्तिगत जानकारी ठगों को न दें।
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साइबर हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करें – तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।
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ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें – सरकार की आधिकारिक वेबसाइट cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करें।
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कॉल रिकॉर्ड करें – यदि संभव हो तो उस ठग की कॉल रिकॉर्ड कर लें, ताकि पुलिस को जांच में मदद मिल सके।
कैसे पहचानें कि कॉल फर्जी है?
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कॉल करने वाला अचानक आपको गिरफ्तार करने की धमकी देता है।
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सरकारी एजेंसी का नाम लेकर आपसे पैसे मांगता है।
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आपकी व्यक्तिगत जानकारी पहले से ही उसके पास होती है और वह इसे बताकर डराने की कोशिश करता है।
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वह आपसे तुरंत कोई ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहता है।
साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्कता जरूरी
पुलिस ने बताया कि साइबर अपराधियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका सतर्कता और जागरूकता है।
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हमेशा सरकारी एजेंसियों की आधिकारिक वेबसाइट से ही जानकारी प्राप्त करें।
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अनजान नंबर से आई कॉल को लेकर सतर्क रहें और बिना पुष्टि किए किसी भी कॉल पर भरोसा न करें।
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कोई भी बैंक या सरकारी एजेंसी फोन पर आपसे पासवर्ड या ओटीपी नहीं मांगती, अगर कोई ऐसा करता है तो समझ लें कि वह ठग है।