Edited By Mahima,Updated: 18 Feb, 2025 04:48 PM
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प्रयागराज के महाकुंभ में एक अजीबोगरीब विज्ञापन वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि लोग बिना संगम आए अपनी फोटो भेजकर गंगा स्नान कर सकते हैं और पुण्य कमा सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए 500 रुपये का भुगतान करना होगा। सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन...
नेशनल डेस्क: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं, लेकिन भारी भीड़ और बमुश्किल जगह मिलने के कारण कई श्रद्धालु महाकुंभ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं और उन्हें संगम स्नान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या का हल एक वायरल विज्ञापन के रूप में सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि लोग बिना प्रयागराज आए ही महाकुंभ में 'डिजिटल गंगा स्नान' कर सकते हैं।
इस वायरल पोस्टर में यह दावा किया गया है कि श्रद्धालु अपनी फोटो भेजकर गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें केवल 500 रुपये का भुगतान करना होगा। पोस्टर के अनुसार, श्रद्धालु अपनी फोटो व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं, जिसे प्रिंट करके गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। इसके बदले में उन्हें पुण्य प्राप्त होगा। इस प्रक्रिया को "डिजिटल गंगा स्नान" कहा जा रहा है, जो कुछ लोगों के लिए एक दिलचस्प लेकिन अजीब पहलू बन गया है।
यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और कई लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे मजाक मान रहे हैं और इस पर चुटकियां ले रहे हैं, जबकि कई लोगों का कहना है कि यह धर्म के नाम पर एक धोखाधड़ी है। ट्विटर पर @drprashantmish6 नामक एक यूजर ने इस पोस्टर को शेयर करते हुए लिखा, "Work from home सुना था, अब Dip from home! हद हो गई!" इस मजाकिया टिप्पणी ने इस विज्ञापन को और भी ज्यादा ध्यान आकर्षित किया। कई अन्य यूजर्स ने भी इसे पब्लिक को ठगने की चाल बताया।
जब आजतक ने इस पोस्टर में दिए गए संपर्क नंबर पर कॉल किया, तो कोई जवाब नहीं मिला, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया कि यह महज एक ऑनलाइन धोखा हो सकता है। इसका उद्देश्य शायद श्रद्धालुओं से पैसे वसूलना और उन्हें ठगने का हो सकता है। कुछ यूजर्स ने तंज कसते हुए यह भी पूछा, "अगर आधार कार्ड भेज दें, तो क्या हमारे पूर्वजों के पाप भी धुल जाएंगे?" इस प्रकार, इस विज्ञापन ने न केवल सोशल मीडिया पर हलचल मचाई है, बल्कि यह भी सवाल उठाया है कि किस प्रकार कुछ लोग धर्म के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं।
यह प्रचार एक नई तरह की ठगी का उदाहरण बन गया है, जो धार्मिक आयोजनों का गलत लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही, कई लोग इसे एक डिजिटल धोखाधड़ी के रूप में देख रहे हैं, जो ऑनलाइन माध्यम से श्रद्धालुओं को ठगने का एक नया तरीका हो सकता है। इस प्रकार के विज्ञापन की सच्चाई की पुष्टि होने तक श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। धार्मिक आयोजनों का सम्मान करते हुए इस तरह के धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों से बचना चाहिए।