भारत-कनाडा विवाद गहराया: भारतीयों के लिए वीजा पाना अब बेहद मुश्किल...कनाडा में भारतीयों का काम करना भी अब हुआ चैलेंज

Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Oct, 2024 10:05 AM

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भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव का असर अब भारतीय नागरिकों पर भी पड़ रहा है। ताजा घटनाक्रम में, कनाडा का वीजा पाना भारतीयों के लिए बेहद मुश्किल होता जा रहा है। दोनों देशों के बीच बढ़ते विवाद के चलते वीजा प्रक्रियाओं में देरी और कड़े नियमों...

नेशनल डेस्क: भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव का असर अब भारतीय नागरिकों पर भी पड़ रहा है। ताजा घटनाक्रम में, कनाडा का वीजा पाना भारतीयों के लिए बेहद मुश्किल होता जा रहा है। दोनों देशों के बीच बढ़ते विवाद के चलते वीजा प्रक्रियाओं में देरी और कड़े नियमों की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने और भारत द्वारा अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में, छात्रों, कामकाजी पेशेवरों, और पर्यटन के लिए कनाडा जाने वाले भारतीयों के लिए वीजा हासिल करना कठिन होता जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद लंबे समय तक वीजा प्रक्रिया और आव्रजन नीतियों पर असर डाल सकता है, जिससे भारतीयों को कनाडा में शिक्षा, काम, और यात्रा के अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

बता दें कि सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव और गहरा हो गया है। सोमवार को भारत ने ऐलान किया कि उसने कनाडा से भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा समेत अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है, साथ ही कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।

इस फैसले के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी सरकार ने भी छह भारतीय राजनयिकों को कनाडा से निष्कासित कर दिया है। ट्रूडो ने इस तनावपूर्ण स्थिति के लिए भारत सरकार के सहयोग की कमी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भारत को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में शामिल होना चाहिए, साथ ही भ्रामक बयानबाज़ियों से बचना चाहिए।

ट्रूडो का यह बयान भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक विवाद को और बढ़ाने वाला है, जो पहले ही सिख अलगाववाद और सुरक्षा चिंताओं पर आधारित तनाव से जूझ रहा है।

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार ने कनाडा में आपराधिक गतिविधियों, विशेष रूप से हिंसा और हत्याओं, में कथित रूप से सहयोग किया है। ट्रूडो का कहना है कि भारत ने इस आपराधिक जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया है, जो कनाडाई पुलिस, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) द्वारा चलाई जा रही है।

ट्रूडो ने यह आरोप लगाया कि भारत सरकार ने कनाडा की ज़मीन पर कनाडाई नागरिकों के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "भारत ने यह सोचकर एक गंभीर गलती की कि वह कनाडा की ज़मीन पर अपराधों में शामिल हो सकता है।"

यह प्रेस कॉन्फ़्रेंस RCMP के प्रमुख माइक डुहेम द्वारा किए गए आरोपों के बाद आयोजित की गई थी, जिसमें डुहेम ने कहा था कि भारत सरकार कनाडा में बड़े पैमाने पर हिंसा में शामिल है, और यह स्थिति कनाडाई जनता की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रही है।

इस विवाद की जड़ें पिछले साल तब शुरू हुईं, जब हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था। इस घटना के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ता ही गया है, और अब कनाडा ने भारत पर एक व्यापक आपराधिक अभियान चलाने का आरोप लगाया है, जिससे राजनयिक विवाद और भी गहरा हो गया है।

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