Edited By Radhika,Updated: 23 Jan, 2025 12:37 PM
महाकुंभ के लिए जहां भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में उमड़ रहे हैं वहीं कई दिव्यांग लोग मुफ्त इलाज और कृत्रिम अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए भी यहां पहुंच रहे हैं। विभिन्न धार्मिक समूहों के शिविरों के बीच दिव्यांगों को राहत पहुंचाने के मकसद से...
नेशनल डेस्क: महाकुंभ के लिए जहां भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में उमड़ रहे हैं वहीं कई दिव्यांग लोग मुफ्त इलाज और कृत्रिम अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए भी यहां पहुंच रहे हैं। विभिन्न धार्मिक समूहों के शिविरों के बीच दिव्यांगों को राहत पहुंचाने के मकसद से काम करने वाली जयपुर की धर्मार्थ संस्था नरवन सेवा संस्थान ने भी यहां एक शिविर लगाया है। शिविर में चिकित्सक यहां आने वाले ‘दिव्यांगों' की देखभाल में व्यस्त हैं और एक टीम उन दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंगों का माप ले रही है।
इस संस्थान को पोलियो प्रभावित मरीजों के उपचार और उनके पुनर्वास संबंधी परोपकारी सेवाओं के लिए भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी जयशंकर कुमार के दोनों पैर दो साल पहले गंभीर संक्रमण के कारण काटने पड़े थे और अब वह नई उम्मीद के साथ महाकुंभ पहुंचे हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘अपने दोनों पैर खोने के बाद मैं बैसाखी के सहारे चलता हूं। चिकित्सकों ने सुझाव दिया कि मैं कृत्रिम अंग लगा सकता हूं, लेकिन वो महंगे हैं और मैं उनका खर्च नहीं उठा सकता।
जब हमें पता चला कि ये अंग यहां मुफ्त में उपलब्ध होंगे, तो मैंने अपने परिवार के साथ कुंभ जाने का फैसला किया। हम यहां स्नान भी करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे 10 दिन तक इंतजार करने को कहा गया है और उसके बाद अंग लगा दिए जाएंगे। तब तक मैं ‘फिजियोथेरेपी' ले रहा हूं, जो शिविर में मुफ्त में दी जा रही है।''
महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होने वाला बड़ा धार्मिक आयोजन है जो 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू हो चुका है और 45 दिनों तक चलेगा। अब तक आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। शिविर के ‘प्रोस्थेटिक ऑर्थोपेडिक' विशेषज्ञ क्रुणाल चौधरी के अनुसार, कुंभ में चिकित्सकों, ‘फिजियोथेरेपी' विशेषज्ञों, ‘प्रोस्थेटिक्स' विशेषज्ञों, तकनीशियनों के साथ ‘फैब्रिकेशन' दल सहित 50 लोगों की एक टीम तैनात की गई है।