भारत और नॉर्वे के बीच TEPA समझौते पर चर्चा, व्यापारिक संबंधों को और प्रगति देने की योजना

Edited By Utsav Singh,Updated: 24 Nov, 2024 04:41 PM

discussion on tepa agreement between india and norway plan to further

भारत के वाणिज्य सचिव सुनील भार्थवाल ने शुक्रवार, 22 नवंबर को नॉर्वे का दौरा किया। उनका यह दौरा भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) देशों के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) लागू करने में तेजी लाने और 100 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा...

नेशनल डेस्क : भारत के वाणिज्य सचिव सुनील भार्थवाल ने शुक्रवार, 22 नवंबर को नॉर्वे का दौरा किया। उनका यह दौरा भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) देशों के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) लागू करने में तेजी लाने और 100 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से था।

TEPA समझौते का उद्देश्य
भार्थवाल का नॉर्वे दौरा भारत और EFTA देशों के बीच TEPA समझौते को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए था। इस समझौते के तहत, भारत को EFTA देशों के बाजारों में अपने उत्पादों और सेवाओं के निर्यात के लिए 99.6 प्रतिशत बाजार का अधिकार मिलेगा। इसमें गैर-कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों पर महत्वपूर्ण टैक्स छूट दी जाएगी।

EFTA देशों के लिए भारत की पेशकश
भारत ने EFTA देशों को 82.7 प्रतिशत अपनी टैक्स लाइनों की पेशकश की है, जो EFTA के निर्यात का 95.3 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है। भारत ने EFTA के लिए 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है, जबकि नॉर्वे ने 114 क्षेत्रों में प्रतिबद्धता की है।

भारत और नॉर्वे के बीच वार्ता
भार्थवाल ने नॉर्वे में टॉमस नॉर्वोल (राज्य सचिव, मंत्रालय व्यापार, उद्योग और मछलीपालन) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इन बैठकों में मुख्य रूप से व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना, भारतीय निर्यात को प्रोत्साहन देना, और TEPA के अनुमोदन में तेजी लाने के मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा, वाणिज्य सचिव ने नॉर्वेजियन संसद के सदस्यों से भी मुलाकात की और समझौते के संभावित लाभों पर जोर दिया।

भारतीय उद्योग को नॉर्वे से अवसर
भार्थवाल ने नॉर्वेजियन व्यापारियों के साथ बैठक में यह बात स्पष्ट की कि भारतीय अर्थव्यवस्था जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाली है। इस वृद्धि से नॉर्वे की उद्योगों को अनprecedented अवसर मिलेंगे।

आत्मनिर्भर भारत के लिए TEPA का योगदान
TEPA समझौता मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर, निर्माण, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, और बीमा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थानीय निर्माण को प्रोत्साहित करेगा।

रोजगार के अवसर और तकनीकी सहयोग
भारत सरकार का मानना है कि TEPA समझौता आने वाले 15 वर्षों में भारत के युवा कर्मिकों के लिए सीधे रोजगार के अवसर पैदा करेगा। इसके साथ ही यह व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण की बेहतर सुविधाएं भी प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह समझौता प्रेसिशन इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग और विश्वस्तरीय तकनीकों तक पहुंच को बढ़ावा देगा।

भारत और EFTA देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से TEPA समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, और नॉर्वे और अन्य EFTA देशों के साथ व्यापारिक संबंध और बेहतर होंगे।

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