Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Nov, 2024 06:31 PM
उदयपुर में मेवाड़ राजवंश के दो खेमों के बीच गहराए विवाद ने प्रशासन को कड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। मंगलवार को राजस्थान सरकार ने उदयपुर के सिटी पैलेस के विवादित हिस्से को जब्त कर वहां रिसीवर नियुक्त कर दिया।
नेशनल डेस्क: उदयपुर में मेवाड़ राजवंश के दो खेमों के बीच गहराए विवाद ने प्रशासन को कड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। मंगलवार को राजस्थान सरकार ने उदयपुर के सिटी पैलेस के विवादित हिस्से को जब्त कर वहां रिसीवर नियुक्त कर दिया।
क्या है मामला?
नाथद्वारा विधायक और मेवाड़ राजवंश के वंशज विश्वराज सिंह का सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले के फतेह प्रकाश महल में पारंपरिक राज्याभिषेक किया गया। राज्याभिषेक के बाद परंपरा के अनुसार उन्हें उदयपुर सिटी पैलेस के धूनी दर्शन की रस्म निभानी थी।
हालांकि, सिटी पैलेस में रहने वाले उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने विश्वराज के प्रवेश पर रोक लगा दी। इस फैसले से दोनों खेमों के समर्थक आमने-सामने आ गए। सोमवार रात को स्थिति तनावपूर्ण हो गई और सिटी पैलेस के बाहर पथराव और झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
प्रशासन ने संभाला मामला
स्थिति बिगड़ने पर पुलिस और प्रशासन ने हस्तक्षेप किया। मंगलवार को जिला मजिस्ट्रेट ने सिटी पैलेस के विवादित हिस्से को अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया और घंटाघर थानाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया।
राज्याभिषेक की रस्म और विवाद की जड़
विश्वराज सिंह का राज्याभिषेक उनके पिता, पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद पारंपरिक रूप से किया गया। हालांकि, उदयपुर सिटी पैलेस के मालिकाना हक को लेकर अरविंद सिंह और विश्वराज सिंह के बीच विवाद लंबे समय से चला आ रहा है।
अरविंद सिंह का कहना है कि सिटी पैलेस पर विश्वराज का कोई अधिकार नहीं है, जबकि विश्वराज इसे अपने वंश का हिस्सा मानते हैं। यह विवाद तब और गहराया जब विश्वराज के समर्थक बैरिकेड हटाने की कोशिश करने लगे।
राजवंशीय परंपरा और आधुनिक विवाद
भारत में लोकतंत्र आने के बाद भले ही राजतंत्र समाप्त हो गया हो, लेकिन कई पूर्व राजघरानों में पारंपरिक रस्में अब भी निभाई जाती हैं। मेवाड़ राजवंश में ऐसा पहली बार हुआ है जब पारंपरिक रस्मों को लेकर आपसी टकराव ने हिंसक रूप ले लिया।
विश्वराज सिंह ने मंगलवार दोपहर अपने समर्थकों से घर लौटने की अपील की और खुद समोरबाग स्थित अपने महल लौट गए। इस बीच, प्रशासन की कार्रवाई ने विवादित स्थल पर किसी भी नए टकराव को रोकने का प्रयास किया।
पिछले विवाद भी आए थे सामने
यह विवाद नया नहीं है। 3 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उदयपुर दौरे के समय भी सिटी पैलेस को लेकर विवाद सामने आया था। विश्वराज सिंह और उनकी पत्नी, सांसद महिमा कुमारी ने उस समय भी विरोध दर्ज कराया था, क्योंकि सिटी पैलेस पर मुकदमेबाजी चल रही है।
समाधान की तलाश
मेवाड़ राजवंश का यह विवाद ऐतिहासिक धरोहर और परंपराओं के महत्व को कम करता है। प्रशासन ने विवाद को शांत करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन समाधान तभी संभव है जब दोनों पक्ष आपसी सहमति से आगे बढ़ें।