Edited By vasudha,Updated: 02 Nov, 2020 10:06 AM
![diwali celebration in south africa](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2020_11image_10_05_562118139diwali-ll.jpg)
दक्षिण अफ्रीका में पहली बार स्थानीय समुदायों के दो राजाओं ने दिवाली का जश्न मनाने में मदद की। तटीय शहर डरबन से 30 किलोमीटर उत्तर में नोंगोमा में दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े जनजातीय समुदाय ज़ूलस के सम्राट, किंग गुडविल ज्वेलिथिनी के ओशुथु रॉयल पैलेस...
इंटरनेशनल डेस्क: दक्षिण अफ्रीका में पहली बार स्थानीय समुदायों के दो राजाओं ने दिवाली का जश्न मनाने में मदद की। तटीय शहर डरबन से 30 किलोमीटर उत्तर में नोंगोमा में दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े जनजातीय समुदाय ज़ूलस के सम्राट, किंग गुडविल ज्वेलिथिनी के ओशुथु रॉयल पैलेस में त्योहार मनाया गया। अमांडेबेले समुदाय के राजा मखोसोके द्वितीय भी जश्न में शामिल हुए।
इस उत्सव का आयोजन ‘शिवानंद वर्ल्ड पीस फाउंडेशन' के प्रमुख प्रोफेसर ईश्वर रामलक्ष्मण ने किया था, जो भारतीय मूल के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें जूलु राष्ट्र के राजकुमार के रूप में मान्यता दी गयी थी। इसमें दक्षिण अफ्रीका के भारतीय मूल के लोगों के अलावा दोनों समुदाय के लोग भी शामिल हुए। इस दौरान गीत गाए गए और नृत्य प्रस्तुतियां भी दी गईं।
जूलु के राजा द्वारा वार्षिक रूप से आयोजित किए जाने वाले दिवाली के जश्न में आमतौर पर हजारों लोग आते हैं, लेकिन कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों की वजह से इस बार केवल 200 लोग ही इस कार्यक्रम में शामिल हुए। ज्वेलिथिनी ने कहा कि यहां इस साम्राज्य में और पूरे विश्व में रोशनी का यह त्योहार मनाने वालों को शुभ दीपावली। उन्होंने कहा कि हिंदुओं, जैन, सिख और बौद्ध समुदायों के लोगों के लिए दीप जलाना, यह याद करने का एक मौका है कि अंधेरे के बीच भी अंततः रोशनी होगी। अज्ञान पर ज्ञान की जीत होगी, निराशा पर करुणा की विजय होगी।