Diwali date 2024: आ गई Diwali की Confirm Date, न हो कंफ्यूज...1 नवंबर को ही लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त

Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Oct, 2024 07:05 AM

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धन की देवी लक्ष्मी के महापर्व दीपावली को लेकर इस बार आमजन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसे दूर करने के लिए रविवार को बीकानेर के पंडित, पंचांगकर्ता, ज्योतिषाचार्य और विद्वान मीडिया के सामने आए और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर 1 नवंबर को दीपावली...

नेशनल डेस्क: धन की देवी लक्ष्मी के महापर्व दीपावली को लेकर इस बार आमजन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसे दूर करने के लिए रविवार को बीकानेर के पंडित, पंचांगकर्ता, ज्योतिषाचार्य और विद्वान मीडिया के सामने आए और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर 1 नवंबर को दीपावली पर्व मनाने को शास्त्र सम्मत बताया।

शास्त्रों से मिला समर्थन

विद्वानों ने धर्मग्रंथों जैसे धर्मसिन्धु, तिथि निर्णय, पुरुषार्थ चिन्तामणि, और निर्णय सिन्धु के शास्त्र सम्मत प्रमाणों का हवाला दिया। देशभर के अधिकांश पंचांगों में भी 1 नवंबर को दीपावली मनाने का मुहूर्त दिया गया है। पंडित राजेन्द्र किराडू ने कहा कि लक्ष्मी पूजन प्रदोषकाल में श्रेष्ठ माना जाता है। इस साल दोनों दिन (31 अक्टूबर और 1 नवंबर) अमावस्या है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार दूसरे दिन प्रदोषकाल के बाद एक घटी तक अमावस्या होने पर दीपावली उसी दिन मनाई जाएगी।

विद्वानों की एकराय

पंडित अशोक ओझा ने बताया कि देश के 80 से अधिक पंचांगों में 1 नवंबर को दीपावली मनाने का मुहूर्त है, और यही शास्त्र सम्मत भी है। गोपाल नारायण व्यास और बृजेश्वर लाल व्यास ने एक सदी पुराने पंचांगों का हवाला देकर इस निर्णय का समर्थन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदोषकाल के अनुसार 1 नवंबर को ही दीपावली मनाना उचित है।

31 अक्टूबर को दीपावली मनाने का कोई शास्त्रसम्मत प्रमाण नहीं

पत्रकार वार्ता के दौरान विद्वानों ने उन लोगों से शास्त्र सम्मत प्रमाण प्रस्तुत करने की मांग की, जो 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने की बात कर रहे हैं।

राज्य सरकार से 1 नवंबर को अवकाश की मांग

पंडितों ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि 31 अक्टूबर को घोषित अवकाश को बदलकर 1 नवंबर को किया जाए, ताकि दीपावली पर्व शास्त्रों के अनुसार मनाया जा सके।

शास्त्रों के अनुसार क्यों है 1 नवंबर शास्त्रसम्मत?

धर्मसिन्धु और पुरुषार्थ चिन्तामणि जैसे शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि दोनों दिन अमावस्या हो, तो प्रदोषकाल के बाद वाले दिन ही दीपावली मनाई जाएगी।

 

 

 

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