काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद बंद हुए डीजे और नाइट पार्टियां, बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या

Edited By Parminder Kaur,Updated: 26 Dec, 2024 11:48 AM

dj and night parties stopped after construction of kashi vishwanath corridor

बनारस का गोदौलिया इलाका हमेशा से ही एक जीवंत और धड़कता हुआ स्थान रहा है, लेकिन इस वक्त रात के 9 बज रहे हैं और गोदौलिया की मुख्य सड़क पर कुछ और ही दृश्य है। सड़क पर इतनी भीड़ है कि लगता है मानो कोई जलसा चल रहा हो और लोग उसे देखने के लिए दौड़े जा रहे...

नेशनल डेस्क. बनारस का गोदौलिया इलाका हमेशा से ही एक जीवंत और धड़कता हुआ स्थान रहा है, लेकिन इस वक्त रात के 9 बज रहे हैं और गोदौलिया की मुख्य सड़क पर कुछ और ही दृश्य है। सड़क पर इतनी भीड़ है कि लगता है मानो कोई जलसा चल रहा हो और लोग उसे देखने के लिए दौड़े जा रहे हों। नए साल के मौके पर गोदौलिया और गंगा के घाटों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है, जो पूरी नगरी को और भी खूबसूरत बना रहे हैं।

काशी की नगरी और नए साल का जश्न

बाबा विश्वनाथ की नगरी में लोग हर दिन कुछ खास महसूस करने आते हैं और खासकर नए साल के मौके पर यहाँ का माहौल और भी ज्यादा आकर्षक हो जाता है। कोरोनाकाल के बाद से यहाँ का माहौल काफी बदल चुका है, जब से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। तब से 31 दिसंबर की रात पार्टियां, डीजे डांस और बैंड जैसे सार्वजनिक आयोजन बंद कर दिए गए हैं। हालांकि इस बार भी कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो रहा है, लेकिन यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछली बार से कहीं ज्यादा रहने की संभावना है।

श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड तोड़ आगमन

अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2024 को लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे। इस बार प्रशासन का अनुमान है कि यह आंकड़ा बढ़कर 12 लाख तक पहुँच सकता है। इसके पीछे का कारण है कि इस वर्ष में 15 नए होटल और कई डोरमेट्री खुल चुकी हैं, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रुकने की जगह ज्यादा उपलब्ध हो गई है।

बनारस का बदलता कल्चर

वाराणसी होटलियर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विजय प्रकाश गुप्ता का कहना है कि बनारस का कल्चर बदल रहा है। अब यहाँ के प्रमुख होटलों में जैसे ताज होटल समेत 10 बड़े होटलों में केवल इंडोर पार्टियां होंगी और इस बार अभिनेत्री उदिता गोस्वामी और बेफिक्रे बैंड अपनी प्रस्तुति देंगे। इसका मतलब है कि बनारस में भी अब नए साल का जश्न पूरी शांति और धार्मिक माहौल में मनाया जाएगा।

यात्रा के लिए कितने दिन रुकें?

अगर आप वाराणसी आने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको कम से कम तीन-चार दिन यहाँ रुकने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, बाबा विश्वनाथ के अलावा वाराणसी में कई और प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जैसे शहर कोतवाल भैरवनाथ, संकट मोचन मंदिर और 80 घाट। इन सभी स्थानों की अपनी अलग पहचान और महत्व है। आप गंगा पार जाकर रेत पर घूम सकते हैं और मरीन ड्राइव का आनंद भी ले सकते हैं। शहर में 40 कमरों तक के लगभग 1800 होटल और 3000 से ज्यादा धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस हैं, जिससे रुकने की कोई समस्या नहीं होगी।

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