DMK सांसद पर ED की बड़ी कार्रवाई, फेमा मामले में ठोका 908 करोड़ रुपए का जुर्माना

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Aug, 2024 04:25 PM

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को डीएमके सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री एस जगतरक्षकन पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 908 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के सांसद एस. जगतरक्षकन और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन से संबंधित एक मामले में 908 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सितंबर 2020 में जब्त की गई 89.19 करोड़ रुपए की संपत्ति को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 26 अगस्त को जारी एक आदेश के बाद कुर्क कर लिया गया है। जगतरक्षकन (76) तमिलनाडु में अरक्कोणम लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले वह केंद्र सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री रह चुके हैं।

एजेंसी ने कहा कि सांसद, उनके परिवार के सदस्यों और एक संबंधित भारतीय इकाई के खिलाफ फेमा उल्लंघन की जांच शुरू की गई थी। जगतरक्षकन तमिलनाडु के एक कारोबारी भी हैं। इसने कहा कि इस जांच के परिणामस्वरूप, सांसद और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर विभिन्न चल और अचल संपत्तियों के लिए फेमा की धारा 37ए के तहत 11 सितंबर, 2020 को एक जब्ती आदेश पारित किया गया जिनकी कीमत 89.19 करोड़ रुपए है।

ईडी ने कहा, ‘‘फेमा की धारा 37ए के तहत जब्त की गई 89.19 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश भी दिया गया था और 26/08/2024 के आदेश के तहत 908 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।'' इसने कहा कि वर्ष 2020 के जब्ती आदेश को सक्षम प्राधिकारी (फेमा के तहत) द्वारा फरवरी 2021 में ‘‘दरकिनार'' कर दिया गया था और ईडी ने इसे अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी थी, जहां ‘‘अपील लंबित है।'' बाद में, एजेंसी ने दिसंबर 2021 में सांसद, उनके परिवार और एक संबद्ध कंपनी के खिलाफ फेमा निर्णायक प्राधिकरण के समक्ष शिकायत दर्ज की, जिसमें उन पर ‘‘विभिन्न फेमा प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया, विशेष रूप से 2017 में सिंगापुर में स्थापित एक मुखौटा कंपनी में 42 करोड़ रुपए के उनके निवेश के संबंध में।''

एजेंसी ने आरोपियों पर सिंगापुर विदेशी शेयर ‘‘खरीदने और रखने'' तथा बाद में फेमा के मौजूदा प्रावधानों की ‘‘अवहेलना'' कर परिवार के सदस्यों के बीच इसके हस्तांतरण तथा एक श्रीलंकाई इकाई में लगभग नौ करोड़ रुपए के निवेश के संबंध में भी आरोप लगाया है। इसने कहा कि शिकायत 11 सितंबर, 2020 के आदेश के तहत जब्त की गई संपत्तियों को कुर्क करने के अनुरोध के साथ दायर की गई थी। ईडी ने कहा कि जिन्हें (जगतरक्षकन और परिवार) नोटिस जारी किया गया है, उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत रिट याचिकाएं दायर की हैं।

इसने कहा, ‘‘दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए, माननीय एकल पीठ (मद्रास उच्च न्यायालय) ने 30.11.2023 के आदेश के तहत अन्य बातों के साथ-साथ यह माना कि संपत्ति की जब्ती के संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश निर्णायक प्राधिकारी के न्याय निर्णयन की शक्ति में हस्तक्षेप नहीं करेगा।'' नोटिस प्राप्तकर्ताओं ने बाद में उसी उच्च न्यायालय और एक खंडपीठ के समक्ष रिट अपील दायर की, जिसने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस वर्ष 23 जुलाई को उनकी याचिका खारिज कर दी। ईडी ने दावा किया, ‘‘इसके परिणामस्वरूप, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद फेमा के तहत न्याय निर्णयन कार्यवाही पूरी की गई।

नोटिस प्राप्तकर्ताओं द्वारा कथित उल्लंघन और उनके द्वारा दायर लिखित उत्तरों की सावधानीपूर्वक जांच करने पर, यह पाया गया कि कथित उल्लंघन स्पष्ट रूप से साबित हुआ था।'' हालांकि, ईडी की नवीनतम कार्रवाई पर द्रमुक नेता की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन उनकी पार्टी के अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने आयकर विभाग द्वारा अक्टूबर 2023 में जगतरक्षकन के खिलाफ छापेमारी किए जाने पर भाजपा सरकार की आलोचना की थी।

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