Edited By Parveen Kumar,Updated: 14 Feb, 2025 06:40 PM
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आजकल लोगों की लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतें बिगड़ गई हैं। इससे पेट की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। बहुत से लोग अब कब्ज जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं, खासकर 40 साल के बाद यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है और कभी-कभी यह बवासीर तक बदल सकती है।
नेशनल डेस्क : आजकल लोगों की लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतें बिगड़ गई हैं। इससे पेट की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। बहुत से लोग अब कब्ज जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं, खासकर 40 साल के बाद यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है और कभी-कभी यह बवासीर तक बदल सकती है। 45 से 65 साल के लोग इसमें ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के जनरल सर्जन डॉ. लकिन वीरा के अनुसार, कब्ज का मुख्य कारण डाइट में फाइबर की कमी, एक्सरसाइज न करना, प्रोसेस्ड फूड्स खाना, कुछ दवाइयां, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), गर्भावस्था और उम्र बढ़ने के साथ आंतों की समस्याएं हो सकती हैं। कब्ज के कारण गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे सूजन और बवासीर की समस्या हो सकती है। लगातार दबाव डालने से गुदा में घाव और दरारें हो सकती हैं, जो ब्लीडिंग का कारण बनती हैं। इसलिए कब्ज का इलाज समय रहते करवाना बहुत जरूरी है।
मुंबई के शाल्बी हॉस्पिटल के सर्जन डॉ. हेमंत पटेल के मुताबिक, कब्ज तब गंभीर हो जाती है, जब आंतें एक हफ्ते तक साफ नहीं होतीं। इससे पेट में सूजन, दर्द, मल त्याग के दौरान तनाव और पेट साफ न होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर लोग कब्ज को नजरअंदाज करते हैं, जिससे यह समस्या बढ़ जाती है और बवासीर जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है।
डॉ. पटेल ने बताया कि फाइबर युक्त आहार जैसे जामुन, सेब, चिया बीज, गाजर और चुकंदर कब्ज की समस्या को दूर कर सकते हैं। साथ ही नियमित व्यायाम और पानी का पर्याप्त सेवन आंतों की सेहत में सुधार करता है। मल त्याग के दौरान जोर न लगाना और प्रोबायोटिक्स का सेवन भी आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अगर खान-पान से समस्या हल न हो, तो डॉक्टर की सलाह से मल को नरम करने वाली दवाएं ली जा सकती हैं।