डॉक्टर एट होम...अब सिर्फ एक काॅल पर आपके घर पहुंचेगा क्लीनिक, 30 सेकंड में होगी दांतों की जांच

Edited By Harman Kaur,Updated: 15 Sep, 2024 12:57 PM

doctor at home service started

अगर कोई बीमार व्यक्ति घर पर अकेला रहता है और वह इलाज करवाने के लिए अस्पताल नहीं जा सकता तो अब बस एक काॅल करने पर क्लीनिक उसके घर पहुंच जाएगा। जी हां, 'डॉक्टर एट होम' के जरिए डॉक्टर आपके घर पर पहुंच जाएंगे। फिलहाल यह सेवा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और...

नेशनल डेस्क: अगर कोई बीमार व्यक्ति घर पर अकेला रहता है और वह इलाज करवाने के लिए अस्पताल नहीं जा सकता तो अब बस एक काॅल करने पर क्लीनिक उसके घर पहुंच जाएगा। जी हां, 'डॉक्टर एट होम' के जरिए डॉक्टर आपके घर पर पहुंच जाएंगे। फिलहाल यह सेवा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में ट्रायल के रूप में शुरू की गई है। इस सेवा के लिए आपको उनकी वेबसाइट या ऐप पर रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आप डॉक्टर और समय स्लॉट चुन सकते हैं। कॉल सेंटर आपकी आवश्यकताओं को समझेगा और अपॉइंटमेंट फिक्स करेगा। डॉक्टर का सेशन शुरू होने से पहले महत्वपूर्ण संकेत रिकॉर्ड किए जाएंगे। यह जानकारी स्क्रीन पर साझा की जाएगी और डॉक्टर के साथ लाइव सेशन शुरू होगा।

इस पैनल से जुड़े हैं 90 डॉक्टर
सेवा में हाई रिजॉल्यूशन कैमरा का उपयोग किया जाएगा जो मरीज के अंगों पर फोकस करेगा। अटेंडेंट भी सेशन से जुड़ सकते हैं। फिलहाल, दो प्रकार की सेवाएं उपलब्ध हैं: एक किट के साथ स्टाफ की फीस 500 रुपए और क्रिटिकल केस में एंबुलेंस के लिए 700 रुपए की फीस है। इस पैनल में 90 डॉक्टर जुड़े हुए हैं। शैलेंद्र सिन्हा के अनुसार, यह सेवा बुजुर्गों और अकेले रहने वाले मरीजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जो लोग ओपीडी की कतारों में नहीं खड़ा होना चाहते या ऑपरेशन के बाद क्लीनिक जाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं, उनके लिए यह एक सुविधाजनक विकल्प है। यह सेवा टेली कंसल्टेंसी से एक कदम आगे है, क्योंकि इसमें डॉक्टर मरीज की शारीरिक स्थिति को भी देख सकते हैं।

दांतों की घर पर टेस्टिंग
अब दांतों की जांच भी घर पर की जा सकती है। 'डेंटिफ्राइस' नामक स्टार्टअप ने यह सुविधा शुरू की है। एजेंट आपके घर पहुंचकर 30 सेकंड में एआई स्कैनर के जरिए दांतों की फोटो और एक्स-रे लेता है। डॉ. आदित्य ठाकुर के अनुसार, जांच रिपोर्ट पैनल से जुड़े 40 डॉक्टरों को भेजी जाती है, जो मरीज को इलाज की फीस का कोटेशन भेजते हैं। मरीज यह तय कर सकते हैं कि किस डॉक्टर से इलाज कराना है और अगर संतुष्ट न हों तो डेंटिस्ट बदल सकते हैं।

बायो इंजीनियर्ड कॉर्निया: ट्रांसप्लांट की जरूरत नहीं
आंखों में चोट या केमिकल से कॉर्निया को नुकसान पहुंचने पर दृष्टिहीनता हो सकती है और ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। पेंडोरम स्टार्टअप ने एक नया बायो इंजीनियर्ड कॉर्निया विकसित किया है जो मूल कॉर्निया के पुनर्जनन में मदद करता है। डॉ. रलिका शर्मा के अनुसार, यह बायोडिग्रेडेबल कॉर्निया चायो-मैटेरियल से बना है और जब कॉर्निया ठीक हो जाता है, तो इसे शरीर द्वारा अवशोषित किया जा सकता है।

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