डॉक्टर बना सौदागर... Instagram पर नवजातों की फोटो डालकर रहा बेच, सोशल मीडिया पर बढ़ रहा खरीद-फरोख्त का धंधा

Edited By Mahima,Updated: 22 Jun, 2024 02:38 PM

doctor became a businessman selling newborns on instagram

अकसर देखा जाता है कि अखबारों और न्यूज चैनल्स पर अक्सर बच्चों के चोरी होने, गायब होने और बेचे जाने की खबरें सामने आती हैं। हाल ही में, अप्रैल महीने में सीबीआई ने दिल्ली में एक रेड डाली थी, जिसमें कई नवजात बच्चों को बचाया गया था।

नेशनल डेस्क: अक्सर देखा जाता है कि अखबारों और न्यूज चैनल्स पर बच्चों के चोरी होने, गायब होने और बेचे जाने की खबरें सामने आती हैं। हाल ही में, अप्रैल महीने में सीबीआई ने दिल्ली में एक रेड डाली थी, जिसमें कई नवजात बच्चों को बचाया गया था। यह रेड दिल्ली के आस-पास यानी यूपी और पंजाब में भी चलाई गई थी। इस कार्रवाई में एक बड़े गिरोह के शामिल होने की आशंका जताई गई थी, जो सोशल मीडिया के जरिए नवजात बच्चों की बोली लगाकर उन्हें बेचते थे। अधिकारियों की सूझबूझ से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन यह समस्या अभी खत्म होती नहीं दिख रही।

सोशल मीडिया का काला चेहरा
सोशल मीडिया अब सिर्फ फोटो, वीडियो या रील शेयर करने का माध्यम नहीं रह गया है। यहां बिजनेस ऑपरेट किए जाते हैं और लोग इसके जरिए स्मॉल बिजनेस का व्यापक नेटवर्क बना रहे हैं। आम आदमी इस नेटवर्क के जाल में फंसता जा रहा है। किसी प्रोफाइल पर लाख-दो लाख फॉलोअर्स देखते ही उसे ऑथेंटिक मान बैठते हैं। यह नेटवर्क इतना बड़ा हो चुका है कि अब सोशल मीडिया पर बच्चों की खरीद-फरोख्त भी शुरू हो गई है। लेकिन क्या यह लीगल है? अगर कोई इस मामले में पकड़ा जाए तो उसकी सजा क्या है? आइए जानते हैं।

बच्चों की तस्करी: एक दर्दनाक सच्चाई
किसी भी लड़की की शादी होते ही घर के बड़े उसे जल्दी मां बनने का आशीर्वाद जरूर देते हैं। बच्चा होने में कुछ सालों की देरी हो जाए तो पति-पत्नी के साथ ही उनके घरवाले, मोहल्ले वाले, समाज वाले और यहां तक कि अंजान लोग भी अपनी चिंता जाहिर करने लग जाते हैं। ऐसे में कपल दूसरे रास्तों की तरफ फोकस करने लगते हैं। कोई आईवीएफ का सहारा लेता है तो कोई बच्चा एडॉप्ट करने की कोशिश में जुट जाता है। भारत में बच्चा एडॉप्ट करना आसान नहीं है, इसलिए कई लोग शॉर्टकट वाले रास्ते पर चल पड़ते हैं और फिर स्कैमर्स या रैकेट का शिकार बनते हैं।

खुलेआम ढूंढ रहे हैं शिकार
हाल ही में इंस्टाग्राम स्क्रॉल करते हुए एक व्यक्ति की नजर एक वीडियो पर पड़ी। वह वीडियो किसी हॉस्पिटल का था, जिसमें एक डॉक्टर नवजात बच्चे को गोद में लिए हुए था। यह वीडियो काफी आम लगता था, लेकिन उसकी कैप्शन पर लिखा था - "बच्चे को एडॉप्ट करने के लिए जल्द से जल्द पर्सनल मैसेज में संपर्क करें।" जिसके बाद उस व्यक्ति ने उस इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर मैसेज किया और बच्चा एडॉप्ट करने की इच्छा जाहिर की। कमाल की बात ये थी कि वहां से तुरंत जवाब भी आ गया।

एडॉप्शन के नाम पर धोखाधड़ी
इंस्टाग्राम पर डॉ. उज्ज्वल कुमार नामक शख्स से बात करने पर उसने कहा कि वे उसे बच्चा दिलवा सकते हैं। इसके लिए उस डॉ. ने अपना मोबाइल नंबर दिया और कहा कि यहां पर उससे संपर्क करें। जब उस व्यक्ति ने उस नंबर पर मैसेज किया तो वह बंद था।अगले दिन जब उस व्यक्ति की बात हुई तो उस शख्स द्वारा उसका नाम और लोकेशन जैसी डिटेल्स मांगी। जिसके बाद कुछ दिन पहले पैदा हुए बच्चे का सौदा 50 हजार रुपये में करने को तैयार हुआ और साथ ही कहा कि इसमें 20 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन फीस है।

लीगल तरीके से एडॉप्शन कैसे करें?
अगर आप बच्चा गोद लेना चाहते हैं तो सोशल मीडिया के इस गंदे मायाजाल में फंसने के बजाय लीगल तरीका अपनाएं। इसके लिए सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करें। इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, शादी प्रमाण पत्र और फिटनेस प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। आवेदन करते समय होम विजिट के लिए एक एजेंसी चुन लें। वह एजेंसी जांच-पड़ताल के लिए घर आएगी। 

भारत में बच्चा गोद लेने के नियम
भारत में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आसान नहीं है। इसमें काफी वक्त लग सकता है, लेकिन इस दौरान आपको धैर्य रखना होगा। कानूनी तौर पर सिंगल पेरेंट या शादीशुदा जोड़े, दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं। शादीशुदा कपल लड़का या लड़की, किसी को भी गोद ले सकते हैं। सिंगल महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है तो वह लड़का या लड़की, दोनों में से किसी को भी एडॉप्ट कर सकती है, लेकिन सिंगल पुरुष सिर्फ लड़के को ही गोद ले सकता है। 

चाइल्ड ट्रैफिकिंग के खिलाफ सख्त कानून
अगर आप गैर-कानूनी तरीके से बच्चा एडॉप्ट करते हैं और पकड़े जाते हैं तो उस गिरोह के साथ ही आपको भी सजा हो सकती है। भारतीय कानून चाइल्ड ट्रैफिकिंग को लेकर काफी सख्त है। आईपीसी की धारा 370 के तहत इसमें 7 से 10 साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर तस्करी में एक से अधिक नाबालिग शामिल हैं तो सजा 14 साल से आजीवन कारावास तक हो सकती है। इसलिए, किसी भी तरह के अवैध गतिविधियों से बचें और लीगल तरीके से ही बच्चा गोद लें। इससे न केवल आप किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बचेंगे, बल्कि बच्चे का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।

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