डॉक्टरों ने 49 वर्षीय महिला के पेट से निकाला 9.2 किलोग्राम का ट्यूमर, 10 घंटे चली सर्जरी

Edited By Parminder Kaur,Updated: 12 Dec, 2024 10:19 AM

doctors removed a 9 2 kg tumor from stomach of a 49 year old woman

एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के डॉक्टरों ने 49 वर्षीय महिला के पेट से 9.2 किलोग्राम का एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर निकालने में सफलता प्राप्त की है। यह ट्यूमर ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर (GCT) था, जो काफी एडवांस स्टेज पर पहुंच चुका था। इस ट्यूमर...

नेशनल डेस्क. एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के डॉक्टरों ने 49 वर्षीय महिला के पेट से 9.2 किलोग्राम का एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर निकालने में सफलता प्राप्त की है। यह ट्यूमर ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर (GCT) था, जो काफी एडवांस स्टेज पर पहुंच चुका था। इस ट्यूमर का इलाज करना बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि यह ट्यूमर कई महत्वपूर्ण अंगों, जैसे छोटी आंत, बड़ी आंत और मूत्राशय से चिपका हुआ था।

डॉक्टरों का कहना है कि यदि यह सर्जरी नहीं की जाती, तो महिला की जान कुछ महीनों में जा सकती थी। अब वह अगले 10 सालों तक स्वस्थ जीवन जीने की उम्मीद रख सकती हैं। इस सर्जरी को एम्स के कैंसर सेंटर में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. एम.डी. रे के नेतृत्व में किया गया। 2 दिसंबर को 10 घंटे तक चली इस सर्जरी में डॉक्टरों की टीम ने सफलता हासिल की। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।

13 साल से कैंसर से जूझ रही महिला की कहानी

यह कहानी 49 वर्ष की मनप्रीत कौर की है, जो 2011 से ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर (GCT) से जूझ रही थीं। उनका पहला ऑपरेशन दिसंबर 2011 में हुआ था जब उन्हें स्टेज-1 कैंसर था। इसके बाद 2017 में बीमारी दोबारा लौटने पर उन्हें दूसरी सर्जरी और छह कीमोथेरेपी करनी पड़ी। हालांकि, कीमोथेरेपी इस प्रकार के ट्यूमर में बहुत प्रभावी नहीं होती और केवल 30-40% मामलों में ही फायदा होता है। इसलिए इस बार सर्जरी ही अंतिम विकल्प था।

अक्टूबर 2024 में तीसरी बार कैंसर का बड़ा ट्यूमर सामने आया। इसके कारण मनप्रीत कौर को पेट में दर्द, कब्ज, बार-बार उल्टियां और भोजन के लिए सिर्फ तरल पदार्थों पर निर्भर रहना पड़ा। तीन महीने में उनका वजन 15 किलो घट गया और उनका हीमोग्लोबिन स्तर घटकर 6 ग्राम प्रति डेसीलीटर रह गया था।

जटिल सर्जरी की प्रक्रिया

यह सर्जरी 10 घंटे तक चली। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने छोटी आंत को तीन जगह से काटकर जोड़ा और 170 मीटर का हिस्सा सुरक्षित रखा। बड़ी आंत और मूत्राशय के कुछ हिस्सों को हटाना पड़ा, लेकिन मूत्राशय को फिर से बनाया गया। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने ब्लड वेसेल्स की क्षति को रोकने और ब्लड फ्लो बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया।

सर्जरी के बाद महिला पूरी तरह स्वस्थ

सर्जरी के दो दिन बाद मनप्रीत कौर को ICU से बाहर लाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और सर्जरी के बाद उनकी उम्र बढ़ने की संभावना 90% तक है। इसके साथ ही वे अगले 10 सालों तक स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम होंगी।

डॉ. एम.डी. रे ने कहा कि इस केस ने हमें यह सिखाया है कि बार-बार लौटने वाले कैंसर के मामलों में भी मरीज को अयोग्य नहीं मानना चाहिए। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और सही तैयारी से असंभव लगने वाले ऑपरेशन भी संभव बनाए जा सकते हैं। यह एक सफल उदाहरण है कि कैसे सर्जरी और विशेषज्ञता से जीवन को बचाया जा सकता है।

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