Edited By Pardeep,Updated: 09 Jan, 2025 10:40 PM
अगले 5-6 महीनों में 1 अमेरिकी डॉलर का मूल्य 90 रुपये से अधिक हो जाने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रुपये के मुकाबले डॉलर का मूल्य बढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं। इनमें वैश्विक आर्थिक हालात, अमेरिका की ब्याज दरों में...
नेशनल डेस्कः अगले 5-6 महीनों में 1 अमेरिकी डॉलर का मूल्य 90 रुपये से अधिक हो जाने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रुपये के मुकाबले डॉलर का मूल्य बढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं। इनमें वैश्विक आर्थिक हालात, अमेरिका की ब्याज दरों में वृद्धि, और भारतीय अर्थव्यवस्था की कुछ चुनौतियां प्रमुख हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि अमेरिकी केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) ब्याज दरों को उच्च बनाए रखता है, तो यह डॉलर की मजबूती को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, भारत के व्यापार घाटे और विदेशी निवेश में गिरावट जैसी घरेलू परिस्थितियां भी रुपये को दबाव में डाल सकती हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रुपये की गिरावट को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने के बावजूद डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी बनी रह सकती है। इस स्थिति का असर आयातित वस्त्रों, पेट्रोलियम उत्पादों और अन्य वस्तुओं की कीमतों पर पड़ सकता है, जो अंततः उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का कारण बन सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि डॉलर का मूल्य 90 रुपये से ऊपर जाता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डाल सकता है, जिसमें निर्यातकों के लिए लाभ और आयातकों के लिए अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ सकता है।