Edited By Rohini Oberoi,Updated: 23 Feb, 2025 11:39 AM
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आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार भारत में घरेलू हवाई यात्री यातायात ने जनवरी 2025 में अपनी वृद्धि की गति बनाए रखी। जनवरी में करीब 150.3 लाख यात्रियों ने घरेलू उड़ानों का सफर किया जो दिसंबर 2024 की तुलना में 0.7% अधिक और जनवरी 2024 की तुलना में 14.5%...
नेशनल डेस्क। आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार भारत में घरेलू हवाई यात्री यातायात ने जनवरी 2025 में अपनी वृद्धि की गति बनाए रखी। जनवरी में करीब 150.3 लाख यात्रियों ने घरेलू उड़ानों का सफर किया जो दिसंबर 2024 की तुलना में 0.7% अधिक और जनवरी 2024 की तुलना में 14.5% अधिक है। यह आंकड़ा जनवरी 2020 के पूर्व-कोविड स्तर से भी 17.9% अधिक है।
वित्त वर्ष 2025 के पहले 10 महीनों में वृद्धि
2025 के पहले 10 महीने (अप्रैल 2024 से जनवरी 2025) में घरेलू हवाई यातायात की कुल संख्या 1,372.1 लाख रही। यह 7.5% की वृद्धि और वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि की तुलना में 13% की वृद्धि दर्शाता है।
अंतरराष्ट्रीय यातायात में भी बढ़ोतरी
भारतीय एयरलाइंस के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्री यातायात में भी मजबूत वृद्धि देखी गई। वित्तीय वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में अंतरराष्ट्रीय यातायात 248.9 लाख यात्रियों तक पहुंच गया जो 14.5% की साल-दर-साल वृद्धि और कोविड-पूर्व स्तर से 41.7% अधिक है।
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एयरलाइन्स की क्षमता तैनाती
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जनवरी 2024 की तुलना में जनवरी 2025 में एयरलाइन्स ने अपनी क्षमता तैनाती में 10.8% का विस्तार किया। हालांकि दिसंबर 2024 की तुलना में क्षमता में 1.2% की कमी आई।
यात्री भार कारक (PLF)
घरेलू विमानन क्षेत्र ने जनवरी 2025 में 92.1% का यात्री भार कारक (PLF) हासिल किया जो जनवरी 2024 में 89.2% और जनवरी 2020 में 85% था। इसका मतलब है कि जनवरी में विमानों में अधिक सीटें भरी गईं जिससे एयरलाइन्स को अधिक मुनाफा हुआ।
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ईंधन की लागत में राहत
ईंधन की लागत जो एयरलाइनों के ऑपरेशनल खर्च का एक बड़ा हिस्सा है वित्तीय वर्ष के दौरान कुछ राहत देखी गई। एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतें अप्रैल से जुलाई 2024 तक 5.3% अधिक रही लेकिन अगस्त 2024 से फरवरी 2025 तक इसमें 14.7% की गिरावट आई। रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक ATF की कीमतें पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.1% कम थीं।
वहीं भारत का घरेलू विमानन क्षेत्र अब कोविड-पूर्व के स्तर से भी आगे बढ़ चुका है और वृद्धि के रास्ते पर है। एयरलाइन्स ने अपनी क्षमता में भी बढ़ोतरी की है और यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। ईंधन की कीमतों में राहत मिलने से एयरलाइन्स को भी फायदा हो रहा है।