Edited By Yaspal,Updated: 15 Sep, 2024 05:16 PM
देश में साइबर फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं। कभी कॉल के जरिए तो कभी महिलाओं की मदद से साइबर फ्रॉड को अंजाम देते हैं। OTP की मदद से भी साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है। इस बीच सरकार ने OTP Fraud की घटनाओं को रोकने के लिए वॉर्निंग जारी की है
नई दिल्लीः देश में साइबर फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं। कभी कॉल के जरिए तो कभी महिलाओं की मदद से साइबर फ्रॉड को अंजाम देते हैं। OTP की मदद से भी साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है। इस बीच सरकार ने OTP Fraud की घटनाओं को रोकने के लिए वॉर्निंग जारी की है। पिछले कुछ साल में फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। साइबर क्रिमिनल्स नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं और बड़े फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं। आजकल हमारा मोबाइल सिर्फ कॉल या मैसेज करने के ही काम नहीं आता है। हम अपने फोन का इस्तेमाल UPI पेमेंट करने से लेकर अन्य बैंकिंग सर्विस के लिए भी करते हैं। ऐसे में आप हैकर्स के निशाने पर रहते हैं।
सरकारी एजेंसी CERT-In ने यूजर्स को नए OTP फ्रॉड को लेकर चेतावनी जारी की है और सतर्क रहने के लिए कहा है। ज्यादातर साइबर क्राइम की घटना में यूजर्स की तरफ से की जाने वाली एक लापरवाही अपराधियों को आपके अकाउंट का एक्सेस दे देते हैं। एक बार आपकी जानकारियां हैकर्स तक पहुंचने की देर है, फिर वो आसानी से आपके बैंक अकाउंट में सेंध लगा सकते हैं।
CERT-In ने जारी की वॉर्निंग
- सरकारी एजेंसी ने अपने X हैंडल से यूजर्स को OTP फ्रॉड से बचने के लिए और सतर्क रहने के लिए कहा है। सरकारी एजेंसी ने बताया कि इन दिनों साइबर क्रिमिनल्स बैंक या अन्य अधिकृत फाइनेंशियल कंपनियों के टोल-फ्री नंबर से मिलते-जुलते नंबर से लोगों को कॉल कर रहे हैं। अगर, आपके पास भी इस तरह के कॉल आए तो उसे इग्नोर करें।
- इसके अलावा आप अपनी निजी जानकारियां जैसे कि क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल, CVV, OTP, अकाउंट नंबर, जन्मतिथि, क्रेडिट/डेबिट कार्ड की एक्सपायरी डेट आदि को किसी के साथ न तो फोन पर और न ही इन-पर्सन शेयर करें।
- अगर, आपके पास किसी भी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन आदि से कोई कॉल या मैसेज आता है तो आप पहले कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और नंबर को वेरिफाई करें। इसके बाद ही आप कॉल का उत्तर दें।
- इसके अलावा फोन पर रिसीव हुए मैसेज या ई-मेल में आए OTP (वन टाइम पासवर्ड) या पासकोड को किसी के साथ शेयर न करें।
- साइबर क्रिमिनल्स इन दिनों कैशबैक, ऑफर आदि के जरिए यूजर्स को पहले लुभाते हैं और फिर उनसे OTP या पासकोड की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।