Edited By Tanuja,Updated: 25 Sep, 2024 02:09 PM
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा है कि उनका देश भारत और चीन के बीच सैंडविच बनने से इनकार करता है।...
International Desk: श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा है कि उनका देश भारत और चीन के बीच सैंडविच बनने से इनकार करता है। उन्होंने यह बयान मोनोकल मैग्जीन को दिए गए एक इंटरव्यू में दिया। अनुरा ने स्पष्ट किया कि श्रीलंका विश्व में चल रही प्रमुख शक्तियों की होड़ में किसी एक का पक्ष नहीं लेगा। राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा, “हम किसी भी दबदबे वाली होड़ में शामिल नहीं होंगे और न ही किसी एक देश का साथ देंगे। भारत और चीन हमारे अच्छे दोस्त हैं, और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी हमारी साझेदारी मजबूत रहेगी।”
इसके साथ ही उन्होंने यूरोपियन यूनियन, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका से भी अच्छे संबंध बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी विदेश नीति पूरी तरह निष्पक्ष और संतुलित होगी। दिसानायके का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि राजपक्षे शासन के दौरान श्रीलंका चीन के कर्ज के जाल में फंसा हुआ था। 2022 के आर्थिक संकट के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भारत से संबंध सुधारने की कोशिश की थी। हालांकि, दिसानायके वामपंथी विचारधारा के नेता हैं और पूर्व में भारत की आलोचना करते रहे हैं। इसके चलते उनकी जीत के बाद आशंकाएं जताई जा रही थीं कि वे चीन की तरफ झुकाव दिखा सकते हैं। लेकिन उन्होंने अपने राष्ट्रपति बनने के पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया कि उनकी विदेश नीति किसी एक देश पर आधारित नहीं होगी।
दिसानायके ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने देश की गंभीर आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “श्रीलंका इस समय दिवालिया हो चुका है, और हमारे ऊपर 28 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। मेरी पहली प्राथमिकता देश को इस आर्थिक संकट से बाहर निकालना है।” उनकी जीत के बाद भारत और चीन सहित पाकिस्तान और मालदीव ने भी उन्हें बधाई दी है।
उत्तर मध्य प्रांत के थंबुत्तेगामा से आने वाले अनुरा ने कोलंबो की केलानिया यूनिवर्सिटी से विज्ञान में ग्रेजुएशन किया और 1987 में जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) पार्टी से जुड़े। 2014 में वे पार्टी के प्रमुख बने और 2019 में इसे नेशनल पीपल्स पावर (NPP) नाम दिया गया। दिसानायके ने फरवरी 2024 में भारत का दौरा किया और विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और राजपक्षे परिवार के नेताओं के श्रीलंका से बाहर जाने की खबरें भी आ रही हैं, जिससे देश की राजनीतिक स्थिति में बदलाव की झलक मिल रही है।