Edited By Parminder Kaur,Updated: 25 Feb, 2025 10:00 AM
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अमेरिका ने ईरान की पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज से जुड़ी 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें चार भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। यह कार्रवाई अमेरिकी प्रशासन के ईरान पर प्रतिबंधों को और कड़ा करने के अभियान का हिस्सा है।
इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका ने ईरान की पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज से जुड़ी 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें चार भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। यह कार्रवाई अमेरिकी प्रशासन के ईरान पर प्रतिबंधों को और कड़ा करने के अभियान का हिस्सा है।
भारत की चार कंपनियां प्रभावित
अमेरिकी वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए बयान में जिन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। उनमें ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, बीएसएम मरीन एलएलपी, कॉसमॉस लाइन्स इंक और फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी शामिल है। हालांकि, भारत की ओर से इस प्रतिबंध पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारत के ईरान और अमेरिका दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन इस कदम से भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
अमेरिकी बयान
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि इन कंपनियों पर ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योगों से जुड़े व्यापारिक संबंधों के कारण प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिका का कहना है कि वह ईरान के अवैध शिपिंग नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश कर रहा है, जो एशिया के विभिन्न देशों में ईरानी तेल बेचने के लिए सक्रिय है।
अवैध शिपिंग नेटवर्क और प्रतिबंध
अमेरिका के बयान में यह भी कहा गया कि यह अवैध शिपिंग नेटवर्क सैकड़ों मिलियन डॉलर मूल्य के कच्चे तेल के कई बैरल को अवैध तरीके से बेचने की कोशिश कर रहा था। यह कदम पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल से शुरू हुई ईरान पर दबाव डालने की नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ईरान के तेल राजस्व को कम करना और उसकी आतंकवाद को वित्तीय रूप से समर्थन देने की क्षमता को कमजोर करना था।
ईरान पर बढ़ता अमेरिकी दबाव
यह कदम अमेरिकी प्रशासन द्वारा ईरान की आर्थिक गतिविधियों पर नकेल कसने और आतंकवाद को वित्तपोषित करने से रोकने के लिए उठाया गया है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि ईरान की सरकार इन कंपनियों के जरिए अवैध शिपिंग नेटवर्क चला रही थी, जिससे उसने कच्चे तेल का व्यापार किया।