Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप के कैबिनेट में एलन मस्क और भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी की एंट्री, मिली ये बड़ी जिम्मेदारी

Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Nov, 2024 08:45 AM

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी को संघीय सरकार की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नई संस्था, "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" (DOGE) की जिम्मेदारी सौंपी।

नेशनल डेस्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी को संघीय सरकार की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नई संस्था, "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" (DOGE) की जिम्मेदारी सौंपी।

ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि 53 वर्षीय अरबपति मस्क और 39 वर्षीय पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामास्वामी, सरकार से बाहर रहकर व्हाइट हाउस को "सलाह और मार्गदर्शन" देंगे। वे प्रबंधन और बजट कार्यालय के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर संरचनात्मक सुधार करेंगे, जो अमेरिकी सरकार को पहले कभी न देखे गए उद्यमिता के दृष्टिकोण में बदलने में मदद करेंगे।

ट्रंप ने कहा, "ये दोनों महान अमेरिकी मेरे प्रशासन के लिए रास्ता तैयार करेंगे ताकि हम सरकार की नौकरशाही को खत्म कर सकें, अनावश्यक नियमों को कम कर सकें, फिजूलखर्ची को रोक सकें और संघीय एजेंसियों का पुनर्गठन कर सकें।" ट्रंप ने DOGE को "हमारे समय का मैनहैटन प्रोजेक्ट" बताया। यह वाक्यांश उस ऐतिहासिक अमेरिकी योजना का संदर्भ था जिसने द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

ट्रंप ने आगे कहा कि उनका काम 4 जुलाई 2026 तक समाप्त हो जाएगा, और एक छोटा व अधिक प्रभावी सरकारी ढांचा, देश के लिए स्वतंत्रता की 250वीं वर्षगांठ पर "उपहार" होगा। इस घोषणा के बाद टेस्ला के सीईओ मस्क ने कहा, "यह पूरे सिस्टम में झटके भेजेगा, और सरकार की फिजूलखर्ची में शामिल सभी लोगों पर असर डालेगा।" वहीं, रामास्वामी, जिन्होंने अपनी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के बाद ट्रंप का समर्थन किया था, ने कहा, "हम इसे आसानी से नहीं छोड़ेंगे।" एक ट्वीट में उन्होंने अपने प्रसिद्ध नारे "शट इट डाउन" (इसे बंद करो) का भी उल्लेख किया, जो उन्होंने अपनी चुनावी अभियान के दौरान संघीय एजेंसियों को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया था।

हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि DOGE कैसे काम करेगा। इसे फेडरल एडवाइजरी कमिटी एक्ट के तहत रखा जा सकता है, जो सरकारी सलाहकार समूहों को पारदर्शिता और जवाबदेही का पालन करने के लिए बाध्य करता है। फेडरल कर्मचारी आम तौर पर अपने वित्तीय हितों का खुलासा करते हैं ताकि किसी भी संभावित हितों के टकराव से बचा जा सके। हालांकि, मस्क और रामास्वामी सरकारी कर्मचारी नहीं होंगे, इसलिए उन पर ये नैतिक सीमाएं लागू नहीं होंगी।

ट्रंप ने DOGE आयोग की योजना का प्रस्ताव पहली बार सितंबर में अपने नए आर्थिक योजनाओं के तहत दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि यदि वे व्हाइट हाउस में लौटते हैं तो मस्क इस आयोग का नेतृत्व करेंगे। मस्क ने इसका जवाब देते हुए कहा था, "मुझे सेवा करने का अवसर मिलना एक सम्मान होगा। मुझे किसी तरह का वेतन, पद या मान्यता नहीं चाहिए।"

सितंबर में एक चुनावी रैली के दौरान, ट्रंप ने स्पष्ट किया था कि मस्क किसी पूर्णकालिक पद पर नहीं होंगे, क्योंकि उनके अन्य कई व्यस्तताएं हैं। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है, हम उन्हें पूरा समय नहीं दे सकते क्योंकि वो अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने सहित कई और चीजों में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा है कि इस देश की फिजूलखर्ची पागलपन है, और हम एलन मस्क को हमारे खर्च को नियंत्रित करने के लिए लाएंगे।"

पूर्व में कई नेताओं ने भी इसी तरह के सुधार आयोगों की मांग की है। रिपब्लिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 1981-1989 के दौरान इसी तरह का एक आयोग "ग्रेस कमीशन" स्थापित किया था।

 

 

 

 

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