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Dowry के खिलाफ उठाया बड़ा कदम: Australia से लौटे युवक ने एक रुपये और एक जोड़ी कपड़ों में की शादी

Edited By Mahima,Updated: 20 Jan, 2025 03:02 PM

dowry man who returned from australia got married for 1 rupee

हरियाणा के करनाल में अशोक कुमार ने बिना दहेज के शादी कर समाज में एक सशक्त संदेश दिया। उन्होंने अपनी शादी सिर्फ एक रुपये के शगुन और एक जोड़ी कपड़े में की। अशोक और उनके परिवार का मानना है कि दहेज समाज की बुराई है, जिसे समाप्त करना चाहिए। इस अनोखी पहल...

नेशनल डेस्क: हरियाणा के करनाल जिले के डाबरथला गांव के निवासी अशोक कुमार ने दहेज प्रथा के खिलाफ अपनी सोच को एक सशक्त रूप में सामने रखा है। उन्होंने अपनी शादी बिना दहेज के केवल एक रुपये के शगुन और एक जोड़ी कपड़े में की। यह अनोखी शादी 16 जनवरी को करनाल के कैमला गांव में संपन्न हुई, जो अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। अशोक कुमार, जो पिछले छह साल से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक कंपनी में काम कर रहे थे, ने अपनी शादी को लेकर एक मिसाल पेश की है। उनके परिवार का मानना है कि दहेज समाज में एक बड़ी बुराई है, जो परिवारों के बीच तनाव और आर्थिक समस्याएं पैदा करती है।

अशोक ने बताया, "मेरे परिवार का हमेशा से यही विचार रहा है कि हमें दहेज के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। जब हमारी शादी तय हुई, तो हमने निर्णय लिया कि इसे बिना दहेज के ही संपन्न करेंगे।"  शादी के दिन केवल एक रुपये का शगुन और एक जोड़ी कपड़े देने के बाद, यह विवाह संपन्न हुआ। यह कदम समाज में दहेज के खिलाफ एक सकारात्मक संदेश देने के लिए उठाया गया था। अशोक का कहना था कि आने वाले सालों में उनके चचेरे भाई और अन्य रिश्तेदारों की शादी भी इसी तरीके से होगी, ताकि यह विचार समाज में और अधिक फैल सके। अशोक के भाई रॉकी ने इस शादी को लेकर कहा, "यह निर्णय लगभग 20 दिन पहले लिया गया था। हम दहेज के खिलाफ पूरी तरह से खड़े हैं और इसी सोच के साथ हम यह शादी कर रहे हैं।" उनके अनुसार, यह एक ऐतिहासिक निर्णय था, जिसे पूरी तरह से परिवार द्वारा समर्थन मिला।

दुल्हन, सपना उर्फ सिल्की, करनाल जिले के कैमला गांव के निवासी मास्टर नरेंद्र सिंह की बेटी हैं, जो अपने इलाके में एक स्कूल चलाते हैं। सपना ने भी इस शादी के फैसले को सराहा और कहा कि यह समाज को एक नई दिशा देने की कोशिश है। स्थानीय विधायक भगवान दास कबीरपंथी ने इस निर्णय की सराहना की और अशोक कुमार के परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा, "इस समय में ऐसी शादियां बहुत कम होती हैं, जहां बिना दहेज के शादी कर समाज में बदलाव की पहल की जाती है। यह सचमुच एक मिसाल है।" विधायक ने यह भी कहा कि ऐसे कदमों से आने वाली पीढ़ी को सही दिशा मिलती है और समाज में एक सकारात्मक बदलाव संभव हो सकता है।

यह अनोखी शादी न केवल दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त कदम है, बल्कि यह युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी बन गई है। अब यह कदम करनाल जिले के अन्य गांवों और आसपास के इलाकों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। समाज में बढ़ती दहेज की प्रथा के बीच, इस तरह के पहलु यह साबित करते हैं कि अगर किसी भी बुराई का विरोध किया जाए तो वह धीरे-धीरे खत्म हो सकती है। अशोक और उनकी शादी के माध्यम से उठाया गया यह कदम एक सकारात्मक दिशा की ओर इशारा करता है, जहां पारंपरिक प्रथाओं को नकारते हुए समाज में सुधार की दिशा में काम किया जा सकता है। इसने यह साबित कर दिया कि अब वक्त आ गया है कि दहेज जैसी पुरानी प्रथा से समाज को मुक्त किया जाए और शादी को एक पवित्र बंधन के रूप में देखा जाए।  

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