Edited By Parminder Kaur,Updated: 20 Nov, 2024 10:35 AM
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को दिल्ली मेट्रो की ड्राइवरलेस ट्रेन का निरीक्षण किया। वे मुकुंदपुर डिपो पहुंची, जहां उन्होंने मेट्रो की मजेंटा लाइन पर चलने वाली नई ड्राइवरलेस ट्रेन का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले...
नेशनल डेस्क. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को दिल्ली मेट्रो की ड्राइवरलेस ट्रेन का निरीक्षण किया। वे मुकुंदपुर डिपो पहुंची, जहां उन्होंने मेट्रो की मजेंटा लाइन पर चलने वाली नई ड्राइवरलेस ट्रेन का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले तीन-चार महीने में नई ट्रेनें पूरी तरह से चलने लगेंगी। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो के फेज-4 में भी कई नई लाइनें शुरू होने वाली हैं, जिनकी शुरुआत जल्द ही होगी।
फेज-4 का विस्तार और नई ट्रेनें
आतिशी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली मेट्रो के इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है। मेट्रो के फेज-4 का विस्तार अभी चल रहा है और यह लाइन 86 किलोमीटर लंबी होगी। मुख्यमंत्री ने फेज-4 की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन का निरीक्षण मुकुंदपुर डिपो में किया। यह ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड है, यानी इसमें कोई ड्राइवर नहीं होगा और यह स्वचालित रूप से चलेगी।
मेट्रो के विस्तार में हुई तेजी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में मेट्रो के विस्तार की गति बहुत तेजी से बढ़ी है। 1998 में जब दिल्ली मेट्रो का निर्माण शुरू हुआ था, तब 2014 तक मेट्रो की कुल लाइन 193 किलोमीटर थी। लेकिन अब 2014 से 2024 के बीच में दिल्ली मेट्रो की 200 किलोमीटर से ज्यादा नई लाइन बन चुकी है। इस दौरान मेट्रो के स्टेशन भी दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। 2014 में दिल्ली में 143 मेट्रो स्टेशन थे, जो अब बढ़कर 288 हो गए हैं। अब दिल्ली मेट्रो की 11 लाइनें पूरे शहर और एनसीआर के विभिन्न इलाकों को जोड़ती हैं, जिनमें रेड, येलो, ब्लू और ग्रीन लाइन शामिल हैं।
राइडरशिप में भी बढ़ोतरी
आतिशी ने यह भी बताया कि मेट्रो के विस्तार के साथ-साथ राइडरशिप में भी बहुत बढ़ोतरी हुई है। 2014 में जहां रोजाना 24 लाख लोग मेट्रो में सफर करते थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 60 लाख हो गया है। दिल्ली मेट्रो के इस विकास ने न सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया है, बल्कि लोगों की यात्रा में भी काफी आसानी आई है।
आर्थिक विकास और प्रदूषण में कमी
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेट्रो का विस्तार दिल्ली की आर्थिक वृद्धि में मददगार साबित हो रहा है। नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जल्दी पहुंच पाना आसान हो गया है। अब लोग बिना अपनी निजी गाड़ी के मेट्रो से यात्रा कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है और प्रदूषण भी कम होता है। दिल्ली मेट्रो ने 63 लाख टन ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को घटाने में मदद की है, जो पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद है। दिल्ली मेट्रो को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसे परिवहन व्यवस्था के रूप में माना जाता है, जिसने प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।