Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Oct, 2024 07:51 AM
भारत पर दोहरी मौसम प्रणाली का असर पड़ने वाला है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर दो अलग-अलग मौसम प्रणालियां विकसित हो रही हैं। स्काईमेट के अनुसार, लक्षद्वीप और दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो अगले 3-4 दिनों...
नेशनल डेस्क: भारत पर दोहरी मौसम प्रणाली का असर पड़ने वाला है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर दो अलग-अलग मौसम प्रणालियां विकसित हो रही हैं। स्काईमेट के अनुसार, लक्षद्वीप और दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो अगले 3-4 दिनों में, यानी 12 या 13 अक्टूबर तक, मध्य अरब सागर में दबाव का रूप ले सकता है।
साथ ही, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के ऊपर एक और चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। यह भी 12 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल सकता है, जिसके 16 अक्टूबर के आसपास आंध्र प्रदेश के तट पर पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद यह प्रणाली 18 अक्टूबर तक दक्षिण कोंकण और गोवा तट पर उभर सकती है।
इन राज्यों पर असर
अरब सागर में विकसित हो रही प्रणाली के कारण केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है, जबकि कोंकण और गोवा में अगले 2-3 दिनों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। गुजरात के दक्षिणी जिलों में भी इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है।
दूसरी ओर, बंगाल की खाड़ी की प्रणाली के प्रभाव से तमिलनाडु, दक्षिण कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। 15 अक्टूबर के आसपास यह बारिश तेज हो सकती है, और 16-17 अक्टूबर के बीच इसका प्रभाव तेलंगाना, दक्षिण महाराष्ट्र और कर्नाटक पर भी दिखाई देगा।
हालांकि, इन मौसम प्रणालियों के चक्रवात में बदलने की संभावना कम है, फिर भी तटीय राज्यों और प्रभावित क्षेत्रों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम पर नजर रखी जा रही है, और आवश्यक जानकारी समय-समय पर दी जाती रहेगी।