Edited By Harman Kaur,Updated: 05 Mar, 2025 05:26 PM

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'गोल्ड लोन' में व्यापक बढ़ोतरी का हवाला देते हुए बुधवार को दावा किया कि बीते लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई ‘मंगलसूत्र चुराकर ले जाने' वाली बात सच साबित हुई है कि उनके शासन में...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'गोल्ड लोन' में व्यापक बढ़ोतरी का हवाला देते हुए बुधवार को दावा किया कि बीते लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई ‘मंगलसूत्र चुराकर ले जाने' वाली बात सच साबित हुई है कि उनके शासन में महिलाएं अपने गहने गिरवी रखने को मजबूर हैं। खड़गे ने यह भी कहा कि 2019 से 2024 के बीच 4 करोड़ महिलाओं ने अपने सोने को गिरवी रख 4.7 लाख करोड़ का ऋण लिया है।
PM मोदी ने कही थी ये बात
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि देश की संपत्ति को लूटने का अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने वाली कांग्रेस की नजर अब महिलाओं के मंगलसूत्र पर है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, आपने ‘‘मंगलसूत्र चुरा कर ले जाने'' वाली बात की थी। वो अब सच हो गई। आपके ही राज ने महिलाओं को अपने सोने के गहनों को गिरवी रखने पर मजबूर कर दिया है।''
'4 करोड़ महिलाओं ने अपने गहनों को गिरवी रख 4.7 लाख करोड़ का ऋण लिया'
उन्होंने दावा किया, ‘‘2019 से 2024 के बीच 4 करोड़ महिलाओं ने अपने सोने को गिरवी रख 4.7 लाख करोड़ का ऋण लिया है। 2024 में महिलाओं द्वारा कुल लोन का 38 प्रतिशत हिस्सा गोल्ड लोन का है। फरवरी 2025 में रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चला कि गोल्ड लोन में एक साल में 71.3 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई।'' खड़गे ने कहा कि पहले आपने नोटबंदी लागू कर महिलाओं का स्त्री-धन गायब किया, अब महंगाई और गिरती घरेलू बचत के चलते वे अपनी सबसे कीमती चीज, अपने गहने गिरवी रखने पर मजबूर हैं।
‘मंदी, तंगी और जेब-बंदी' आज अर्थव्यवस्था का सार है- खड़गे
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अर्थव्यवस्था की हालत आपने (प्रधानमंत्री) इतनी बदतर कर दी है कि दोपहिया वाहन लेने वाले हमारे मध्यम वर्ग परिवार अब उसका लोन नहीं चुका पा रहें हैं। बढ़ती ऋण चूक को देखते हुए दोपहिया वाहन फाइनेंसर 2019 के बाद पहली बार लोन देने में कटौती कर रहे हैं।'' खड़गे ने दावा किया कि ‘मंदी, तंगी और जेब-बंदी' आज अर्थव्यवस्था का सार है।