Edited By Harman Kaur,Updated: 15 Mar, 2025 06:07 PM

तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार के बीच परिसीमन (Delimitation) के मुद्दे पर गंभीर विवाद छिड़ चुका है। इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ मंत्री दुरई मुरुगन ने एक विवादित बयान देकर नई बहस शुरू कर दी है।...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार के बीच परिसीमन (Delimitation) के मुद्दे पर गंभीर विवाद छिड़ चुका है। इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ मंत्री दुरई मुरुगन ने एक विवादित बयान देकर नई बहस शुरू कर दी है। दुरई मुरुगन ने उत्तर भारत की संस्कृति की आलोचना करते हुए कहा कि द्रविड़ संस्कृति उत्तर भारत की संस्कृति से कहीं बेहतर है, हम हर लिहाज से वहां से बेहतर हैं।
'जब एक पुरुष चला जाता है तो दूसरा आ जाता है...'
दुरई मुरुगन ने एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए उत्तर भारत की संस्कृति पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "उत्तर भारत की संस्कृति बहुविवाह को स्वीकार करती है, वहां एक महिला 5 से 10 पुरुषों से शादी करती है और बच्चों को जन्म देती है। जबकि हमारी तमिल संस्कृति में ऐसा कुछ भी नहीं है। उत्तर भारत में तो पांच-पांच पुरुष एक महिला से शादी कर लेते हैं और जब एक पुरुष चला जाता है तो दूसरा आ जाता है।"
'उत्तर भारत के लोगों को बच्चे पैदा करने के अलावा और कोई काम नहीं'
उन्होंने आगे कहा, "केंद्र सरकार ने हमसे जनसंख्या नियंत्रण करने को कहा था और हमने इसे लागू किया, लेकिन उत्तर भारत में ऐसा नहीं है। वहां के लोग केवल बच्चों को जन्म देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं और उन्हें कोई काम ही नहीं है, वो 17, 18 बच्चे पैदा करते हैं। इस वक्त आप खुद ही उत्तर भारत की जनसंख्या देख लो, खुद ब खुद उत्तर मिल जाएगा। बार-बार शादी करोगे तो ऐसा ही होगा।' मुरुगन की इस टिप्पणी को महाभारत में द्रौपदी और पांच पांडवों के विवाह से जोड़कर देखा जा रहा है। मुरुगन के इस बयान पर सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया आ रही है। उन्हें देश को बांटने वाला और भड़काऊ टिप्पणी करने वाला करार दिया जा रहा है। कई लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और उनका कहना है कि ऐसी टिप्पणियों से सामाजिक एकता को नुकसान हो सकता है।
परिसीमन का मुद्दा
इस विवाद का मुख्य कारण परिसीमन का मुद्दा है। अगर परिसीमन लागू होता है, तो तमिलनाडु और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों का संसद में प्रतिनिधित्व घट सकता है, जबकि उत्तर भारत के राज्यों का प्रभुत्व बढ़ सकता है। परिसीमन 2026 में लागू हो सकता है, जिससे दक्षिण भारतीय राज्यों को लोकसभा में कम सीटें मिल सकती हैं। इसी कारण तमिलनाडु की प्रमुख पार्टी, डीएमके, इसका विरोध कर रही है।
कौन हैं दुरई मुरुगन?
दुरई मुरुगन पेशे से एक अधिवक्ता हैं और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। मुरुगन 9 सितंबर 2020 से डीएमके के महासचिव हैं और 11 मई 2021 से तमिलनाडु विधानसभा में सदन के नेता के रूप में कार्यरत हैं। वह वर्तमान में तमिलनाडु सरकार में जल संसाधन मंत्री के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।