Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Jan, 2025 08:34 PM
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंबी प्रतीक्षा के बाद यहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के खुलने को द्विपक्षीय संबंधों में मील का पत्थर बताते हुए शुक्रवार को अमेरिकी प्रशासन से अपील की कि वह यह सुनिश्चित करे कि मिशन में वीजा सेवा जल्द से जल्द शुरू हो।
नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंबी प्रतीक्षा के बाद यहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के खुलने को द्विपक्षीय संबंधों में मील का पत्थर बताते हुए शुक्रवार को अमेरिकी प्रशासन से अपील की कि वह यह सुनिश्चित करे कि मिशन में वीजा सेवा जल्द से जल्द शुरू हो। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं (अगले) विदेश मंत्री (मार्को) रुबियो से मिलने जाऊंगा तो मेरे लिए चर्चा का यह पहला विषय होगा। हम इसे जितनी जल्दी पूरा कर लेंगे, उतना ही बेहतर होगा।''
अमेरिका जल्द बेंगलुरु से वीजा सेवा शुरू करे, जयशंकर की अपील
वह भारत में पांचवें अमेरिकी वाणिज्य दूतावास खोले जाने से जुड़े एक समारोह में भाग लेने के लिए शुक्रवार को यहां थे। यहां यह वाणिज्य दूतावास जल्द ही काम करना शुरू कर देगा। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपने संबोधन में कहा कि बेंगलुरु स्थित वाणिज्य दूतावास फिलहाल वीजा सेवाएं प्रदान नहीं करेगा। अपने संबोधन में जयशंकर ने आंकड़ों का हवाला देते हुए अमेरिका से अपील की कि वह यथाशीघ्र बेंगलुरु से वीजा सेवा शुरू करे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आंकड़े देख रहा था और यह देखकर बहुत खुश हुआ कि पिछले साल, आरपीओ (क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय) बेंगलुरु ने 8,83,000 पासपोर्ट जारी किए। यह सिर्फ एक साल का आंकड़ा है। हिसाब लगाकर देखिए और आप पाएंगे कि यात्रा को सुचारू बनाना कितना महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने यह भी कहा कि यहां से हर हफ्ते सैन फ्रांसिस्को के लिए तीन उड़ानें हैं। जयशंकर ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि अगर बोइंग और एयरबस अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो और भी बहुत कुछ होगा।'' जयशंकर ने कहा कि बेंगलुरु में ‘लंबे समय से' अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की प्रतीक्षा की जा रही थी।
वास्तव में समाज के हर वर्ग से मांग थी
उन्होंने कहा, ‘‘पहला, मेरा मानना है कि बेंगलुरू इसका हकदार था और इसकी उम्मीद भी थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि बेंगलुरु का इतना महत्वपूर्ण स्थान है कि मेरे लिए यह जरूरी है कि यहां अमेरिकी राजनयिकों की स्थायी उपस्थिति हो।'' विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले पांच सालों में जब भी वह इस शहर में आए हैं, हर बार यहां हमेशा कोई न कोई उनसे पूछा करता था कि वाणिज्य दूतावास कब खुल रहा है?'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कहूंगा कि यह (मांग) वास्तव में समाज के हर वर्ग से थी। यह व्यावसायियों की ओर से थी, यह प्रौद्योगिकी जगत की ओर से थी, यह शिक्षाविदों की ओर से थी। यह उन लोगों की ओर से भी थी जिनसे आप किसी रेस्तरां में मिलते हैं।''
बेंगलुरु में वाणिज्य दूतावास खोलने का मुद्दा उठाया था
विदेश मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान बेंगलुरु में वाणिज्य दूतावास खोलने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने वादा किया है कि यदि अमेरिका ‘बेंगलुरु में वाणिज्य दूतावास खोल' लेता है तो वह (भारत) लॉस एंजिल्स में एक वाणिज्य दूतावास खोलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस वाणिज्य दूतावास का औपचारिक उद्घाटन एक और संकेत है कि हम इतिहास की झिझक पर काबू पा रहे हैं। अब यह हमारी पहुंच में है, संभावना के दायरे में है, कि हम भारत-अमेरिका संबंधों की क्षमता को पूरी तरह से महसूस कर सकें। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि बेंगलुरु भी संबंधों में अपनी क्षमता को महसूस करे।''
बेंगलुरू में वाणिज्य दूतावास खोलना अंतिम कार्य
गार्सेटी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि बेंगलुरू में वाणिज्य दूतावास स्थापित करवाना एवं उन्हें चालू करवाना भारत में उनका अंतिम कार्य होगा। गार्सेटी जल्द ही भारत में अपना कार्यभार छोड़ देंगे। गार्सेटी ने कहा, ‘‘आप जानते हैं, भारत के साथ हमारा रिश्ता नया नहीं है। दुनिया में हमारा दूसरा वाणिज्य दूतावास यहीं भारत में था। 1776 में अमेरिका की स्वतंत्रता के बाद, हमने फ्रांस के ल्योन में एक वाणिज्य दूतावास खोला और फिर दूसरा कोलकाता में खोला, जो उस समय एक नए अमेरिकी राष्ट्र के लिए भारत के महत्व को दर्शाता था।'' इस मौके पर उपमुख्यमंत्री डी. के शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरू में वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन वैश्विक मंच पर कर्नाटक के बढ़ते महत्व का प्रमाण है।