Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Oct, 2024 06:03 PM
ई-कॉमर्स कंपनी Meesho ने अपने सभी कर्मचारियों को 26 अक्टूबर से 4 नवंबर तक 9 दिनों की छुट्टी दी है। इस छुट्टी के दौरान कंपनी ने नो लैपटॉप, नो मीटिंग, नो ईमेल और नो कॉल की नीति अपनाई है, ताकि कर्मचारी पूरी तरह से आराम कर सकें। इस कदम की सराहना...
नेशनल डेस्क: ई-कॉमर्स कंपनी Meesho ने अपने सभी कर्मचारियों को 26 अक्टूबर से 4 नवंबर तक 9 दिनों की छुट्टी दी है। इस छुट्टी के दौरान कंपनी ने नो लैपटॉप, नो मीटिंग, नो ईमेल और नो कॉल की नीति अपनाई है, ताकि कर्मचारी पूरी तरह से आराम कर सकें। इस कदम की सराहना LinkedIn पर हो रही है। काम से ब्रेक लेना क्यों जरूरी है ....
काम से छुट्टी क्यों जरूरी है?
किसी कंपनी का कर्मचारियों से निरंतर काम कराना महत्वपूर्ण है, लेकिन स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता। लगातार काम से होने वाला तनाव न केवल कर्मचारियों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि यह कंपनी की प्रोडक्टिविटी को भी प्रभावित करता है। इसलिए समय-समय पर छुट्टी लेना आवश्यक है।
काम से छुट्टी लेने के फायदे:
1. प्रोडक्टिविटी में सुधार:
जब लोग तनाव में काम करते हैं, तो उनकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है। लेकिन खुशी-खुशी छुट्टियों से लौटने के बाद, ताजगी के साथ काम करने पर उनकी प्रोडक्टिविटी में सुधार होता है। कई कंपनियों ने इस प्रयोग को आजमाया है और इसके सकारात्मक परिणाम देखे हैं।
2. तनाव कम होता है:
छुट्टियों के दौरान आराम करने और मौज-मस्ती करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिजोल) का स्तर भी कम होता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
3. दिल की बीमारी का खतरा कम:
विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, साल में दो बार लंबी छुट्टियों पर जाने वालों में दिल की बीमारियों का खतरा बहुत कम होता है। नियमित छुट्टियां न लेने वालों की तुलना में उन्हें हार्ट अटैक का खतरा 32% तक बढ़ जाता है।
4. नई ऊर्जा और उत्साह:
काम के प्रेशर से ब्रेक लेने के बाद कर्मचारी निर्णय लेने में अधिक कुशल हो जाते हैं। वे ज्यादा सक्रिय और खुश रहते हैं, जिससे उनके काम की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
Meesho जैसी कंपनियों का यह कदम दिखाता है कि काम के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक आराम भी महत्वपूर्ण है। छुट्टियों से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी, सेहत और मानसिक संतुलन में सुधार होता है, जो अंततः कंपनी के लिए फायदेमंद साबित होता है।