Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Apr, 2025 07:14 AM
जापान में 5.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे ओकिनावा शहर दहल गया। इस भूकंप का केंद्र योनागुनी से 48 किलोमीटर दूर धरती के नीचे 124 किलोमीटर की गहराई में था। हालांकि, इस भूकंप से किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है, और ना ही सुनामी की...
नेशनल डेस्क: देश में एक बार फिर भूकंप के झटके लगे। हाल ही में जापान और इंडोनेशिया में आए भूकंप ने एक बार फिर इस संकट की गंभीरता को उजागर किया है।
जापान में भूकंप: ओकिनावा शहर हिल गया
जापान में 5.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे ओकिनावा शहर दहल गया। इस भूकंप का केंद्र योनागुनी से 48 किलोमीटर दूर धरती के नीचे 124 किलोमीटर की गहराई में था। हालांकि, इस भूकंप से किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है, और ना ही सुनामी की चेतावनी जारी की गई। फिर भी, जापान में इस भूकंप को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है। जापान की सरकार ने पहले ही चेतावनी जारी की थी कि आने वाले समय में एक प्रचंड भूकंप आ सकता है, जिससे भीषण तबाही हो सकती है और लगभग 3 लाख लोग अपनी जान गवां सकते हैं। इस भूकंप के मद्देनजर सरकार ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, और एजेंसियों को अलर्ट मोड में रखा हुआ है।
इंडोनेशिया में फिर भूकंप: 5 दिन में दूसरी बार
इंडोनेशिया में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यह भूकंप 5 दिन के अंदर इंडोनेशिया में आया दूसरा भूकंप था। पश्चिमी आचे प्रांत में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र सिम्यूलु रीजेंसी में सिनाबंग शहर से 62 किलोमीटर दूर समुद्र तल में 30 किलोमीटर गहराई में था। पहले इसे 6.2 तीव्रता का बताया गया था, लेकिन बाद में इसकी सही तीव्रता 5.8 डिटेक्ट की गई। इस भूकंप के बाद भी जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं आई और सुनामी का कोई अलर्ट भी जारी नहीं किया गया। लेकिन, लोग डरे हुए हैं क्योंकि इससे पहले 3 अप्रैल को भी इंडोनेशिया में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 5.9 थी।
इंडोनेशिया, जो प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए बेहद संवेदनशील है। यहां 127 सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जिससे यह देश भूकंपीय गतिविधियों के लिए हमेशा सतर्क रहता है। इंडोनेशिया की प्रांतीय आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी जोपान ए ने बताया कि यहां भूकंप आना एक सामान्य घटना है, लेकिन यह खतरा कभी भी गंभीर रूप ले सकता है।
भूकंपों के बाद का हाल
इन भूकंपों ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि प्रकृति के अनियंत्रित रूप के सामने इंसान कितने भी तैयार क्यों न हो, पूरी तरह सुरक्षित नहीं रह सकता। जापान और इंडोनेशिया में सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। प्राकृतिक आपदाओं के बीच मानवता का साहस और एकता ही हमें इस संकट से उबरने की ताकत देता है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम सभी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहें और समय रहते सुरक्षा उपायों को अपनाएं।